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बस्तर विश्वविद्यालय का द्वितीय दीक्षांत समारोह सम्पन्न, रोजगारपरक शिक्षा वर्तमान में नितांत जरूरी-राज्यपाल सुश्री उईके

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जगदलपुर।। प्रकृति के साथ तादात्म्य स्थापित करने में जो ज्ञान मिलता है, वह किताबों में संभवतः अभी पूरा नहीं आ पाया है। हमारे आदिवासी भाई-बहनों के पास जो कौशल है, वह किसी पाठक्रयम में शामिल नहीं हो पाया है। बस्तर वनोपज, कला और खनिज संसाधन से सम्पन्न है। इस दिशा में विश्वविद्यालय की भूमिका रोजगारपरक शिक्षा की उपलब्धता पर होनी चाहिए। इसे ध्यान रखते हुए बस्तर विश्वविद्यालय में अधिक से अधिक रोजगारपरक पाठयक्रम संचालित किये जाएंगे, ताकि बस्तर अंचल के युवाओं को शिक्षा प्राप्त करने के साथ ही रोजगार की उपलब्धता सुनिश्चित किया जा सके। उक्त बातें राज्यपाल एवं कुलाधिपति सुश्री अनुसूईया उइके ने बस्तर विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में अध्यक्षीय उद्बोधन के दौरान कहीं। 

राज्यपाल सुश्री उइके ने दीक्षांत-समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं तथा प्रावीण्य-सूची में स्थान पाने वाले मेघावी छात्र-छात्राओं को हृदय से बधाइयां एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे अपने व्यावहारिक जीवन में भी ऐसी ही प्रवीणता का परिचय दें और अपने परिवार, समाज और देश का नाम रौशन करें। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने बस्तर में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव पहल करने पर बल देते हुए बस्तर विश्वविद्यालय में रोजगारपरक पाठयक्रमों की शुरूआत करने का भरोसा दिलाया।

वहीं दीक्षांत समारोह के मुख्य वक्ता पद्मश्री प्रोफेसर अनिल कुमार गुप्ता ने बस्तर के पारम्परिक ज्ञान पर शोध एवं सृजन को बढ़ावा देते हुए युवाओं को रोजगार से जोड़ने का सुझाव दिया। इसके साथ ही बस्तर की बहुमूल्य वनोपज का मूल्य संवर्धन करने तथा जैविक उत्पादों को पहचान दिलाने के लिए पहल करने की आवश्यकता निरूपित किया। दीक्षांत समारोह में 200 मेधावी छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल प्रदान किया गया।