Home देश – विदेश लॉकडाउन में भी घर नहीं गए थे नीट टॉपर शोएब, बताया कैसे...

लॉकडाउन में भी घर नहीं गए थे नीट टॉपर शोएब, बताया कैसे की थी तैयारी

386
0

नई दिल्ली। नीट के पहले ही प्रयास में 720 में 720 अंक हासिल करके राउरकेला (ओडिशा) के शोएब आफताब अपने परिवार में पहले डॉक्टर होंगे। उनके पिता शेख मोहम्मद अब्बास व्यवसायी और मां सुल्ताना रिजया गृहणी हैं। शोएब ने अपनी सफलता के पीछे अपनी मां की खास भूमिका बताई जो उनके लिए अपना शहर छोड़कर दूसरे शहर आईं।

23 मई 2002 को जन्मे शोएब ने एलन करियर इंस्टीट्यूट, कोटा से दो साल कोचिंग की थी। उन्होंने नीट परीक्षा में 720 में से 720 अंक प्राप्त किए हैं। शोएब अपने परिवार में पहले शख्स हैं जो मेडिकल की पढ़ाई करेंगे और डॉक्टर बनेंगे। शोएब ने बताया कि डॉक्टर बनना सपना था जो अब साकार होने जा रहा है। वो साल 2018 में कोटा आए थे। उन्होंने कहा कि मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि मैं कोटा में अपनी मां और छोटी बहन के साथ पीजी में रहता था।

शोएब ने कहा, ‘मैंने सारे क्वेश्न अटेम्प्ट किए थे। पहले मुझे टॉप 100 या टॉप 50 में आने की उम्मीद थी लेकिन 720 में से 720 मार्क्स आने की उम्मीद नहीं थी। जब मैंने आंसर-की चेक की तो मुझे आॅल इंडिया रैंक 1 होने का अंदाजा लग गया था। परीक्षा स्थगित हो गई थी तो काफी प्रेशर था। लेकिन मैंने समय का सदुपयोग किया।’

शोएब ने इसी वर्ष 12वीं में 95.8 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। उनकी केवीपीवाई में आॅल इंडिया 37वीं रैंक और 10वीं में 96.8 प्रतिशत अंक थे। उन्होंने कहा कि एलन के टीचर्स की गाइडेंस से मैंने ये सफलता प्राप्त की है।

शोएब ने कहा कि कभी कभी थोड़ा रिलेक्स करने के लिए वह अपने फोन पर गेम खेल लिया करते थे। हॉबी से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, ‘मुझे पेंटिंग करना पसंद है। लेकिन पिछले कुछ सालों से मैंने ये नहीं की है क्योंकि खुद को पूरी तरह से नीट की तैयारी में लगाए रखा था।’

एलेन करियर इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर नवीन माहेश्वरी ने कहा, ‘शोएब की उपलब्धि से हम गर्वान्वित हैं। ऐसा इतिहास में पहली बार है जब किसी ने पूरे मार्क्स हासिल किए हैं।’

शोएब ने कहा, ‘लॉकडाउन के दौरान मिले टाइम में मैंने तैयारी में अपनी कमियों को दूर किया। जिस टॉपिक में मैं कमजोर था, उन्हें बार बार रिवाइज किया। इससे मेरे डाउट क्लियर होते रहे। जिनमें मेरी पकड़ अच्छी थी, उन पर मैंने ज्यादा फोकस नहीं किया। तीन विषयों पर बराबर ध्यान दिया।’

शोएब ने अपनी फिजिक्स और केमिस्ट्री की तैयारी को परखने के लिए जनवरी में जेईई मेन का भी एग्जाम दिया था। शोएब ने कहा, ‘जेईई मेन में मुझे फिजिक्स में 99.97 परसेंटाइल और केमिस्ट्री में 99.93 परसेंटाइल मिले थे। मैथ्स में मेरे 15 परसेंटाइल थे क्योंकि ये मेरा विषय नहीं था।’ शोएब ने कहा, ‘मैं ऐसी बीमारियों का इलाज तलाशना चाहता हूं जिनका कोई इलाज नहीं है।’

शोएब ने कहा, ‘एम्स से एमबीबीएस करने के बाद मैं कार्डियोलॉजी में स्पेशिलिटी करूंगा। इसके बाद मैं रिसर्च में जाऊंगा। ऐसी बीमारियों का इलाज तलाशना चाहता हूं जिनका कोई इलाज नहीं है।’

ढाई साल से घर नहीं गए थे आफताब

शोएब की पढ़ाई के प्रति गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कोटा आने के बाद ढाई साल से घर (ओडिशा) नहीं गए थे। उन्होंने कहा, ‘दिवाली हो या ईद, मैंने घर नहीं गया। मुझे पढ़ाई पर पूरा फोकस करना था। मेरे पिता ने मुझे कई बार बुलाया। बोर्ड परीक्षा के बाद नीट की तैयारी में मैंने खुद को पूरी तरह लगाया। मां मेरे साथ पीजी में रहती थी। इसलिए खाने की टेंशन नहीं थी। लॉकडाउन के 5 महीने मैं कोटा में रहकर ही जमकर तैयारी की। घर नहीं गया। कोटा में रहकर अलग रहकर तैयारी बेहतर हो सकती थी। कोरोना में मिले एक्स्ट्रा टाइम में मैंने अपनी तैयारी मजबूत की। टॉपिक बार बार रिवाइज किए।’