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बस्तर विकास की शर्तें तय किये बिना एनएमडीसी लौह उत्खनन लीज बढ़ाने के विरोध में बस्तर संयुक्त अधिकार मुक्ति मोर्चा द्वारा बस्तर के सभी जनप्रतिनिधियों को 14 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया,आज जनप्रतिनिधियों जागो अभियान पहुंचा दंतेवाड़ा

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जगदलपुर।बस्तर संभाग में संचालित एनएमडीसी लोह अयस्क उत्खनन लीज बस्तर विकास की शर्तें तय किये बगैर राज्य व केंद्र सरकारों द्वारा बढ़ाये जाने के विरोध में बस्तर अधिकार संयुक्त मुक्ति मोर्चा के तत्वधान में बस्तर संभाग के जनप्रतिनिधियों जागो ,बस्तर की जनता जागो अभियान प्रारम्भ किया गया है। जिसके तहत बस्तर विकास व अधिकारों को संरक्षित करने हेतु 14 सूत्रीय मांगों को लेकर बस्तर के सभी जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौपने का कार्य किया जा रहा है।जिसके अंतर्गत आज दक्षिण बस्तर की दंतेवाड़ा विधायक श्रीमती देवती कर्मा को 14 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया।

ज्ञापन में कहा गया है कि बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिले में बचेली किरन्दुल के अंतर्गत एनएमडीसी सन1965 से लोहा उत्खनन कर करोड़ो रूपये कमा रहा है और इस उत्खनन से उत्पन्न राजस्व राज्य व केंद्र सरकारें कमा रही है। पर विडम्बना है कि संवेधानिक अधिकारों के बाद भी बस्तर को उसके मूल अधिकारों व विकास से वंचित किया जा रहा है।आजादी के 70 वर्षों बाद भी बस्तर को मूलभूत सुविधाएं नही मिली। कई सुविधाओ के लिए बस्तर आज भी तरस रहा है।इसके पीछे कारण है कि बस्तर के फैसले बस्तर में नही होते ,जबकि पेसा कानून और बस्तर में लागू पांचवी अनुसूची बस्तर के लोगो को अनेकों अधिकार देते है।पर इसका जमीनी स्तर पर कड़ाई से पालन कराने में राज्य सरकार व केंद्र सरकार असफल रहे है।