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वल्लभभाई पटेल की जयंती और इंदिरा गांधी की शहादत को कांग्रेसियों ने किसान अधिकार दिवस के रूप में मनाकर किया सत्याग्रह का आगाज

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जिला कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार के किसान विधेयक बिल खिलाफ भरी हुंकार और कहा भाजपा सरकार किसानों को उनके अधिकारों से वंचित करने पर आमदा

जगदलपुर। बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी (शहर/ग्रामीण) ने राज्य शासन के गाडलाईन/दिशा निर्देश व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए शहीद स्मारक सिरहासार चौक में लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी की जयंती एवं पूर्व प्रधानमंत्री प्रियदर्शनीय श्रीमती इंदिरा गाँधी जी के शहादत दिवस पर सर्वप्रथम छायाचित्र पर माल्यार्पण कर भावभिनी श्रद्धाजंली देकर किसान अधिकार दिवस के रूप में मनाकर सत्याग्रह का आगाज किया।

सत्याग्रह में उपस्थित कांग्रेसियों को सम्बोधित करते हुए जिला कांग्रेस कमेटी के संघर्षशील युवा अध्यक्ष राजीव शर्मा ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि विधेयक को लेकर मचे घमासान के बीच इसे किसान विरोधी करार देते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों और किसान संगठनों से बिना सलाह मशविरा से यह विधेयक लाया है। केंद्र सरकार के इस फैसले का चौतरफा देश में विरोध हो रहा है। इस विधेयक से मंडियों की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाएगी। आज मंडियों के वर्तमान प्रणाली से उपज बेचकर किसान खुशहाल जिंदगी जी रहा है। कृषि क्षेत्र से जुड़े तीनों विधेयकों को लाने की जो साजिश की गई है। उससे भाजपा का गांव,गरीब और किसान विरोधी चेहरा उजागर हुआ है। कांग्रेस ने कृषि और किसानों के हित में इस मसले पर मोदी सरकार का जबरदस्त विरोध किया और आगे भी पूरी पार्टी देश के किसानों के साथ खड़ी रहेगी। इस विधेयक के दूरगामी परिणाम किसानों के लिए अहितकर होंगे। यह एक तरह के परंपरागत कृषि क्षेत्र में बड़े उद्योगपतियों के पदार्पण की आहट है। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग बिल से कोई भी कारपोरेट किसानों से कांटेक्ट करके खेती कर पाएगा, यह वैसा ही होगा मतलब यह कि कोई कारपोरेट आएगा और जमीन लीज पर लेकर खेती करने लगेगा। मगर गांव के उन गरीब किसानों का सीधा नुकसान होगा जो आज छोटी पूंजी लगाकर किसानों की जमीन लीज पर लेते हैं और खेती करते हैं। ऐसे लोगों में ज्यादातर भूमिहीन होते हैं और दलित पिछड़ी जाति के होते हैं। वह एक झटके में बेरोजगार हो जाएंगे। कारपोरेट जगत की खेती में उतरने से खेती बड़ी पूंजी, बड़ी मशीन के धंधे में बदल जाएगी। मजदूरों की जरूरत कम हो जाएगी। गांव में जो भूमिहीन होगा या सीमांत किसान होगा वह बदहाल हो जाएगा। एसेंशियल कमोडिटी बिल से सरकार अब यह बदलाव लाने जा रही है कि किसी भी अनाज को आवश्यक उत्पाद नहीं माना जाएगा। जमाखोरी अब गैरकानूनी नहीं रहेगी। मतलब कारोबारी अपने हिसाब से खाद्यान्न और दूसरे उत्पादों का भंडार कर सकेंगे और दाम अधिक होने पर उसे बेच सकेंगे। कुल मिलाकर यह तीनों बिल बड़े कारोबारियों के हित में है और खेती के वर्जित क्षेत्र में उतरने के लिए उनके मददगार साबित होंगे। मोदी सरकार द्वारा किसानों को इस क्षेत्र से भी खदेड़ने की तैयारी की जा रही है।

महापौर सफिरा साहू ने कहा कि बीते 6 साल से भाजपा की मोदी सरकार देशभर के किसानों के साथ छल कर रही है। स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश के अनुसार लागत मूल्य का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने का वादा कर सत्ता में बैठी मोदी सरकार ने किसानों से किए वादों को पूरा नहीं कर पाई। सस्ता डीजल सस्ती रसायनिक खाद और उत्तम क्वालिटी के बीच सहित किसानों की आय दोगुनी करने का वादा अब तक पूरा नहीं हुआ। अब मोदी सरकार के द्वारा लाए गए तीन काले कानून किसानों के लिए काला पानी की सजा का फरमान है। जिसमें किसान तो सिर्फ फसल उगायेगा और फायदा पूंजी पतियों को मिलेगा। यह अध्यादेश भारत के अन्नदाता एवं एक अरब तैतीस करोड़ जनता के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। भाजपा के एमएसपी का मतलब किसानों को उपज का मिनिमम सपोर्ट प्राइस नहीं बल्कि पूंजी पतियों के लिए मैक्सिमम सपोर्ट इन प्रॉफिट है। इस डूबती अर्थव्यवस्था में खेती ही एकमात्र ऐसा सेक्टर है जो देश की बिगड़ी व गिरती अर्धव्यवस्था को सुधारने में कारगर साबित हो सकती है। इसके लिए किसानों की मनोदशा सुधरे या बिगड़े केंद्र की भाजपा सरकार को इससे कोई सरोकार नहीं।

सत्याग्रह को प्रदेश महामंत्री यशवर्धन राव, राजकुमार झा, कौशल नागवंशी,कमल झज्ज, राजेश चौधरी,बालेश दुबे,जावेद खान आदि ने भी सम्बोधित कर मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन नए अध्यादेश में किसानों को पूंजीपति बनाने की योजना नहीं दिख रही है, बल्कि किसानों को चंद पूंजीपतियों के हाथों की कठपुतली बनाने की स्पष्ट तैयारी नजर आ रही है। मोदी सरकार के किसान विरोधी अध्यादेश कारपोरेट जगत की बड़े-बड़े उद्योगपति और पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से लाया गया है।

जिला कांग्रेस के ग्रामीण अध्यक्ष बलराम मौर्य ने सत्याग्रह में उपस्थितजनों का आभार व्यक्त कर समापन की घोषणा की, और कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ कांग्रेसी सतपाल शर्मा ने किया।
सत्याग्रह में सेवादल, युवक कांग्रेस,महिला कांग्रेस, एनएसयूआई, सहित अन्य प्रकोष्ठ एवं विभाग के पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि वरिष्ठ कांग्रेसी व कार्यकर्तागण उपस्थित होकर अपनी सहभागिता दर्ज की व आयोजन को सफल बनाया।