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भारतीय शादी की ये 5 रस्में हैं खास, इनके बिना अधूरा है विवाह, जानें क्यों हैं महत्वपूर्ण और दूसरी शादियों से अलग

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शादी हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा है और ऐसा कहा जाता है कि शादी के बाद किसी भी लड़का या लड़की की नई जिंदगी की शुरुआत होती है. दुनियाभर के लोग शादी करते हैं और फेमिली को आगे बढ़ाते हैं. लेकिन, बात हो भारतीय शादियों की तो यह खुशियों और उत्सव से भरी होती है. यह सिर्फ एक दिन का नहीं बल्कि 5 से 7 दिन की खास परंपराओं में पिरोया गया बंधन है. भारतीय शादियों की कुछ ऐसी रस्में हैं जो इसे दुनियाभर की शादियों से अलग बनाती हैं. आइए जानते हैं भारतीय शादी की खास रस्मों के बारे में भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.

1. मेहंदी
भारतीय शादियों में मेंहदी का बड़ा महत्व और पूरा एक दिन मेंहदी के लिए समर्पित होता है. यह रस्म दूल्हा और दुल्हन दोनों के लिए खास है. इसके अलावा अपने हाथों में दुल्हन के साथ उसके रिश्तेदार और उसकी सहेलियां भी मेहंदी लगाती हैं.

2. हल्दी
बिना हल्दी के भारतीय शादियां अधूरी होती हैं. इसके लिए भी एक से दो दिन दिए जाते हैं और हल्दी लड़का व लड़की दोनों को लगाई जाती है. हल्दी लगाने से रूप निखरता है और ऐसा माना जाता है कि हल्दी की ये रस्म किसी भी अनिष्ट से बचाती है.

3. सेहरा बांधना
हल्दी और मेंहदी की रस्म के बाद सेहरा को खास माना जाता है, जो कि बारात ले जाने से पहले दूल्हा को बांधा जाता है. सेहरा बांधने वाले को नेग या फिर शगुन के तौर पर उपहार दिया जाता है. यह रस्म विवाह की सभी रश्मों में महत्वपूर्ण मानी जाती है.

4. जूता चुराई
बारात लेकर जब लड़का, लड़की के घर पहुंचता है तो वहां खाना आदि के बाद इस रस्म को निभाया जाता है. इस दौरान लड़की की बहनें और सहेलियां मिलकर लड़के के जूते छिपा देती हैं और उन्हें लौटाने के लिए नेग और उपहार की मांग करती हैं.

5. वधू का प्रवेश
जब लड़का अपनी दुल्हन को साथ लेकर आता है तो उसे ग्रहलक्ष्मी कहा जाता है और वह जब घर में प्रवेश करती है तो उसके हाथ में हल्दी लगवाकर छाप लगवाए जाते हैं. यह एक महत्वपूर्ण रस्म है जो लड़की को ससुराल के सुख-दुःख में बराबर की हिस्सेदारी पक्की करती है.