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बस्तर में ‘पाथफाइंडर्स: फ्रॉम बस्तर टू द वर्ल्ड, एन अनकन्वेंशनल रूट’ का आयोजन

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जगदलपुर। शनिवार को शौर्य भवन, जगदलपुर में ‘द बस्तर कलेक्टिव’ द्वारा ‘पाथफाइंडर्स: फ्रॉम बस्तर टू द वर्ल्ड, एन अनकन्वेंशनल रूट’ का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम को बस्तर पुलिस का समर्थन प्राप्त था। मुख्य अतिथियों में बस्तर के माननीय पुलिस महानिरीक्षक, श्री पी.सुंदरराज पत्तिलिंगम (आई.पी.एस) और बस्तर के माननीय जिला मजिस्ट्रेट एवं कलेक्टर, श्री विजय दयाराम (आई.ए.एस) शामिल थे। माननीय पुलिस महानिरीक्षक, श्री पी.सुंदरराज पत्तिलिंगम (आई.पी.एस) ने छात्रों को आईपीएस अधिकारी बनने की अपनी यात्रा के बारे में बताया और यह भी समझाया कि अनुशासन और दृढ़ता के साथ कोई भी कुछ भी हासिल कर सकता है। माननीय जिला मजिस्ट्रेट एवं कलेक्टर, श्री विजय दयाराम (आई.ए.एस) ने कहा कि जीवन में अप्रत्याशित घटनाएँ अक्सर हमें बेहतर स्थानों पर ले जाती हैं। उन्होंने अपने करियर पथ में भाग्य और मेहनत दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।

इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य व्यक्तियों के समग्र विकास के लिए आवश्यक कौशलों की जानकारी देना था, जिसमें संचार कौशल, अंतरव्यक्तिगत कौशल, सामाजिक और समस्या समाधान कौशल, स्वयं प्रबंधन, अनुकूलन और लचीलापन, नेतृत्व कौशल, भावनात्मक बुद्धिमत्ता, जीवन की शिक्षा, सांस्कृतिक और क्षेत्रीय जागरूकता, मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता और काम-काज का संतुलन शामिल थे।

कार्यक्रम में बस्तर कलेक्टिव जिसमे 6 सदस्य है-अनुराग जोस,निशा बोथरा, जीत सिंह आर्य, सौरभ मोटीवाला,निशा नागवंशी और तमन्ना नरेश जैन ने अपने अनुभव साझा किए।

विशेष रूप से निशा बोथरा ने बस्तर में उपलब्ध अवसरों और किसी क्षेत्र को अपनाने के लिए इंटर्नशिप के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “इंटर्नशिप से हमें यह समझने में मदद मिलती है कि कोई क्षेत्र हमारे लिए सही है या नहीं।” जीत सिंह आर्य ने जीवन में अच्छी आदतों के महत्व पर जोर दिया और कहा, “जीवन में कुछ अच्छी आदतें होना महत्वपूर्ण है, जैसे किताब पढ़ना, समय पर जागना और यात्रा करना। उनके लिए किताब पढ़ना अत्यंत महत्वपूर्ण है।” निशा नागवंशी ने ‘रेड बस थ्योरी’ और अवसरवादी होने तथा सकारात्मक मानसिकता बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “जीवन में अवसरों को पहचानने और उनका लाभ उठाने के लिए सकारात्मक सोच आवश्यक है।

अनुराग जोस ने संगीत सीखने के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा, “संगीत को किसी ऐसे व्यक्ति से सीखना चाहिए जिसके जीवन में संगीत हो और अपने कार्य के प्रति जुनून हो।” सौरभ मोटीवाला ने स्थिरता, नेटवर्किंग के महत्व पर चर्चा की और कहा, “हमारे कार्यों का जलवायु पर प्रभाव पड़ता है, और हमें इसके प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है।” तमन्ना जैन, जो वैचारिक कला और मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं, ने बताया कि भावनाएं क्या हैं: “भावनाएं गति में ऊर्जा हैं और इसलिए उन्हें अंदर नहीं रखना चाहिए। यह महत्वपूर्ण है कि भावनाएं बहती रहें, और उनकी कला उन्हें ऐसा करने में मदद करती है। कोई भी कला का रूप भावनाओं को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

कार्यक्रम में शामिल युवाओं ने इसे बहुत प्रेरणादायक पाया और इसे अपने जीवन में अमल करने का संकल्प लिया। छात्रों ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह उन्हें अपने करियर में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक कौशल और प्रेरणा प्रदान करते हैं। बस्तर कलेक्टिव के इस प्रयास ने बस्तर के युवाओं के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस कार्यक्रम ने यह साबित कर दिया है कि सही मार्गदर्शन और प्रेरणा से युवा किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। कार्यक्रम का समापन एक प्रेरणादायक संदेश के साथ हुआ कि बस्तर के युवा भी दुनिया में अपना नाम रोशन कर सकते हैं, बस आवश्यकता है धैर्य, प्रयास और सही मार्गदर्शन की।