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टॉयलेट को सपा के रंग में रंगने पर भड़का सपाइयों का गुस्सा, दीवारों पर कालिख पोती, जीएम आफिस पर प्रदर्शन

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गोरखपुर। गोरखपुर रेलवे अस्पताल के एक टॉयलेट में लाल-हरे रंग की टाइल्स लगाने को लेकर गोरखपुर में सपाई भड़क गए हैं। इस मामले में एनईआर के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी पंकज सिंह की सफाई आने के बाद भी उनका गुस्सा शांत नहीं हुआ है। सपाइयों ने गुरुवार दोपहर रेलवे अस्पताल पहुंचकर टॉयलेट की टाइल्स पर कालिख पोत दी। इसके साथ ही पूर्वोत्तर रेलवे महाप्रबंधक अमित कुमार अग्रवाल के आॅफिस पर प्रदर्शन किया और उनसे मिलकर उन्हें ज्ञापन भी दिया।

सपाइयों ने कहा कि रेलवे ने दोषी के खिलाफ कार्यवाही नहीं की तो वे आर-पार का संघर्ष छेड़ेंगे। सपाइयों के गुस्से को देखते हुए एनईआर जीएम के आफिस के आसपास भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। सपाई अपने जिलाध्यक्ष रामनगीना साहनी की अगुवाई में ज्ञापन देने पहुंचे थे। उन्होंने एसएसपी कार्यालय पर भी ज्ञापन दिया। रामनगीना साहनी ने कहा कि यह सरकार की दूषित मानसिकता का परिचायक है।

दरअसल, रेलवे अस्पताल के एक टॉयलेट की दीवारों पर लाल और हरे रंग के टाइल्स लगाए गए हैं। यह बिल्कुल समाजवादी पार्टी के झंडे के रंग का है। टॉयलेट का रंग देखकर समाजवादी पार्टी के कार्यकतार्ओं का गुस्सा भड़क गया। इसके पहले पार्टी की ओर से टॉयलेट की फोटो ट्वीट की गई थी। समाजवादी पार्टी ने लिखा कि दूषित सोच रखने वाले सत्ताधीशों द्वारा राजनीतिक द्वेष के चलते गोरखपुर रेलवे अस्पताल में शौचालय की दीवारों को सपा के रंग में रंगना लोकतंत्र को कलंकित करने वाली शर्मनाक घटना!एक प्रमुख राजनीतिक पार्टी के ध्वज के रंगो का अपमान घोर निंदनीय। संज्ञान ले हो कार्रवाई, तत्काल बदला जाए रंग।

समाजवादी पार्टी ने इसे लेकर ट्विटर पर रेल मंत्री पीयूष गोयल और रेल मंत्रालय से भी शिकायत की है। फिलहाल किसी की ओर से इस आरोप पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। और न ही दीवरों का रंग बदलने की कार्रवाई ही की गई है। लेकिन सपा के आरोपों के बाद ट्विटर पर भी इन रंगों के प्रयोग को लेकर काफी चर्चा हो रही है।

रेलवे ने दी ये सफाई

सपा के ट्वीट पर पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि टाइल्स को लगाने का उद्देश्य बेहतर साफ सफाई सुनिश्चित करना है। इसका किसी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है। आइए मिलकर स्वच्छ भारत मिशन में सहयोग करें। सीपीआरओ ने कहा कि ये टाइल्स स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत काफी पहले लगाई गई थीं। इसका किसी राजनीतिक दल या राजनीति से कोई सम्बन्ध नहीं।