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बस्तर की स्वास्थ्य व्यवस्था के हालातों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन को मेडिकल एमरजेंसी लागू करनी चाहिये,गरीब परिवारों को राशन और छोटे व्यापारियों के नुकसान की भरपाई की योजना बनाए सरकार-नवनीत चांद

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जगदलपुर। बस्तर अधिकार संयुक्त मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता नवनीत चांद ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि चीन के बूहान शहर से प्रारम्भ हुआ यह मानव विरोधी कोरोना वायरस फरवरी में ही भारत आ चुका था। मार्च के प्रथम सप्ताह में इसने भारत के लगभग सभी राज्यो में अपनी दस्तक दे दी। हमारा छत्तीसगढ़ भी इससे अछूता नही रहा।इस वायरस की बढ़ती तीव्र गति ने पूरे छग राज्य को लॉक डाउन की तरफ बढ़ा दिया है जिसमे बस्तर भी एक है। बस्तर

हम जानते है कि बस्तर देश की आजादी के बाद से बाकी राज्यो के मुकाबले अपनी बुनियादी सुविधाओं के लिए आज भी तरस रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य ,रोजगार जैसे मूल अधिकारों व व्यवस्थाओ के स्तर बाकी राज्यो के व्यवस्थाओं के स्तर के मुकाबले कमजोर है। और जागरूकता की कमी ने हमे अभी भी इन सब भयंकर महामारियों से लड़ने के लिए तैयार नही रखा है।

नवनीत चंद ने कहा कि ऐसे में यह जरूरी है कि राज्य सरकार बस्तर की मेडिकल व्यवस्था को देखते हुए बस्तर में मेडिकल एमरजेंसी लागू करे ,ओर सभी जिले के अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज से केंद्रित करें और हर जरूरी मेडिकल इक्विपमेंट व विशेषज्ञ की नियुक्ति तत्काल करे। वायरस को डिटेक्ट करने वाले उपकरण खरीद हर जिले में अस्थाई लेब बनाई जाए। ताकि हर जिले के प्रत्येक ग्राम पंचायत ,व नगरीय वार्ड में संक्रमित लोगो का टेस्ट किया जा सके।

यह वक्त है कि बस्तर संभाग के स्वास्थ्य अमला को प्रशासन ,सभी जनप्रतिनिधियों व सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर टीम बना जमीनी स्तर पर प्रत्येक परिवार तक पहुँच समय रहते सभी समान लक्षण से ग्रसित लोगो का टेस्ट सेंपल ले।आने वाले रिजल्ट के हिसाब से इस वायरस के खिलाफ लड़ने की तार्किक योजना बनाये। क्योंकि लम्बा समय तक पूरे बस्तर को लॉक डाउन रखना सम्भव नही हो पायेगा।

नवनीत ने आगे कहा कि हमारी मांग है कि सरकार बस्तर के रिर्जव बजट जैसे डीएमएफ, सीएसआर व आपदा प्रम्बन्धन बजट को मेडिकल एमरजेंसी में खर्च करने की अनुमति बस्तर प्राधिकरण को दे।ताकि बस्तर के जनप्रतिनिधियों ,अधिकारियों समाजिक संगठनों एवं पार्टी के पदाधिकारियों के द्वारा स्वास्थ्य अमला के विशेषज्ञों की राय के अनुसार खर्च कर सके।ताकि जमीनी स्तर के सभी तैनात कर्मचारीयो को सुरक्षा उपकरण दे।पंचायत या वार्ड के सभी समान लक्षण के रोगियों का कोरोना टेस्ट करे तभी हम इस महामारी की चेन को रोक सकते है। यदि इन सब गतिविधियों के बिना किये ,लॉक डाउन खत्म किया गया, तो यह वायरस बेहद तेजी से बस्तर में फैल सकता है। हमे यह ध्यान रखना चाहिए कि अभी तक टेस्ट कम है। इसलिए इस सक्रमण से ग्रसित लोगो की संख्या कम है।

हमे इटली व ताइबान से सीखना होगा ,उनके द्वारा देरी से लिये गए फैसलों ने उस देश मे तबाही मचाई और बस्तर ऐसे ही स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर हमेशा कमजोर रहा है ऐसे में यदि बस्तर में मेडिकल एमरजेंसी लागू नहीं की गई ,तो हम इस लॉक डाउन का फायदा नही उठा पाएंगे। इस लिए समय रहते बस्तर संभाग के सभी जिलों में नगरीय वार्ड व ग्राम पंचायत में निवासरत जनों के कोरोना टेस्ट हेतु मेडिकल टीम तैनात करवाई जाए। स्थानीय प्रशानिक कर्मचारियो को जागरूकता व बचाव हेतु ऑपरेशन चालू करवाये जाए ताकि हम सब मिलकर कोरोना वायरस को बस्तर को नुकसान पहुंचाने से रोक सके