जगदलपुर। बस्तर दशहरा की प्रारंभिक पूजा के दिन ही आदिवासी समाज में जमकर आक्रोश है। आदिवासियों की आस्था से जुड़ी छः सौ वर्षो से चली आ रही परम्परा पाट जात्रा की पूजा का श्रेय लेने की होड़ में शुभ मुहर्त से दो घण्टे पूर्व एवं मांझी मुखिया के आगमन से पहले एवम राजपरिवार को नजरअंदाज कर मंत्री एवम सांसद द्वारा संवैधानिक ताकत का फायदा उठाकर सम्पन्न कर दी गई। जिससे मांझी मुखिया एवं आदिवासी समाज में काफी आक्रोश है। उक्त बातें बस्तर सांस्कृतिक सुरक्षा मंच के संभाग संयोजक महेश कश्यप ने प्रेस वार्ता के दौरान कहीं।
महेश कश्यप का कहना है कि जिस जनप्रतिनिधि को हमने मान सम्मान दिया उन्होंने ही हमारी परंपराओं को दरकिनार कर आदिवासी परंपराओं के साथ छेड़छाड़ की है।जो व्यक्ति आदिवासी परंपराओं को छोड़ जगह-जगह चर्च का उद्घाटन करवा रहे हैं उन्हें आदिवासी परंपराओं एवं संस्कृति की क्या पहचान है। ऐसे जनप्रतिनिधि आदिवासी परंपराओं को दरकिनार कर हमारी संस्कृति के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं जो कभी बर्दाश्त नहीं होगा। सांसद दीपक बैज सार्वजनिक रूप से माफी मांगें नहीं तो आंदोलन होगा।