जगदलपुर। बस्तर दशहरा पाट जात्रा की रस्म में हुुुई चूक का मामला अब तूूूल पकड़ता जा रहा है। समय से दो घंटे पहले बस्तर सांसद दीपक बैज, प्रभारी मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम और जगदलपुर विधायक रेखचंद जैन के द्वारा पूजा करने के मामले को लेकर आदिवासी समाज काफी नाराज है। इसी मामले को लेकर प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद दिनेश कश्यप ने कहा कि कांग्रेसी नेताओं ने बस्तर दशहरे की 611 साल पुरानी परम्परा को तोड़ा है यह निंदनीय है। पाट जात्रा के दौरान कांग्रेसी नेताओं द्वारा 11 बजे के शुभ मुहूर्त से लगभग 2 घंटे पहले पूजा कर दी गई जो कि सर्वथा गलत है। नियमानुसार पाट जात्रा की पूजा के लिए राजमहल से पूजन सामग्री लाई जाती है उसके बाद ही विधि विधान के साथ पूजा संपन्न होती है। लेकिन कांग्रेसी नेताओं ने हरेली तिहार के आयोजन में शिरकत करने की जल्दबाजी में नियम विरुद्ध जाकर पाट यात्रा की पूजा की जिसे लेकर आदिवासी समाज में रोष व्याप्त है। मांझी चालकी की उपस्थिति में राजमहल से लाई पूजन सामग्री के साथ दूसरी बार फिर पूजा की गई जो कि परंपरा से हटकर है। कांग्रेसी नेता अपने समय की उपलब्ध्ता के आधार पर बस्तर की परम्पराओं से छेड़छाड़ कर रहे हैं जो कतई बर्दाश्त नहीं है। इसका हम पुरजोर विरोध करते हैं।
पूर्व कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने भी प्रेस वार्ता को संबोधित किया और कहा कि कांग्रेस अपनी परंपराओं को बस्तर की संस्कृति पर थोपने का प्रयास ना करे। कांग्रेसी नेताओं ने जो कृत्य किया उसके लिए बस्तर के आदिवासी उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे। प्रदेश सरकार और सांसद दीपक बैज को आदिवासी समाज से माफी मांगनी चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने 611 साल पुरानी बस्तर दशहरा पाट जात्रा रस्म में हुई चूक को प्रदेश सरकार के गलत राजनीतिक आचरण का प्रतीक बताया है। उसेंडी ने कहा कि बस्तर दशहरा पाट जात्रा रस्म के दौरान अब तक की परम्परा और विधि विधान को ताक पर रख पूजा कराके सरकार के एक मंत्री व सांसद ने प्रदेश और विशेषकर बस्तर की इस परम्परा से जुड़ी जनभावनाओं का अपमान किया है।