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बस्तर में पॉलिटिकल टेरेरिजम,कांग्रेस विधायक के साथ अमचे-चमचे भी वसूली में लगे, कांग्रेसियों के खाने का बिल राशन दुकानदार ने चुकाया, रंगदारी वसूलने के लिए अफसरों को धमकी-चमकी

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कलक्टर को अपमानित करने के विरोध में उतरी भाजपा

जगदलपुर। प्रभारी मंत्री की मौजूदगी में एक अगस्त को जगदलपुर में आयोजित समीक्षा बैठक में कलक्टर को मंच से नीचे बिठाने का मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है। बस्तर के पूर्व सांसद दिनेश कश्यप व राज्य के पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने शनिवार को बस्तर सांसद व विधायक समेत अन्य कांग्रेस नेताओं को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार में बस्तर में पॉलिटिकल टेरेरिजम (राजनीतिक आतंकवाद) का माहौल बन चुका है। जगदलपुर विधायक और उनके अमचे-चमचे वसूली करने में लगे हैं और इसके लिए अफसरों को धमकाया जा रहा है। इतना ही नहीं कांग्रेस नेताओं के भोजन के बिल की अदायगी ढाबों में राशन दुकान संचालकों से कराई जाती है।

मीडिया से चर्चा करते हुए दिनेश कश्यप ने कहा कि कांग्रेस सरकार में बस्तर में राजनीतिक आतंकवाद चरम पर है। अफसरों को धमकाया जा रहा है और उन्हें लगातार अपमानित किया जा रहा है। कांग्रेसी नेता इतने आत्ममुग्ध है कि सरकारी बैठक कलक्टर बस्तर को मंच पर स्थान नहीं दिया जाता और उन्हें नीचे बिठा दिया जाता है। यह जानते हुए भी कि समीक्षा बैठक में कलेक्टर जिले का सचिव होता है फिर भी सामान्य प्रशासन विभाग की मागदर्शिका का पालन नहीं किया गया। प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए कांग्रेस के छोटे पदाधिकारियों तक को जगह दी जाती है लेकिन कलक्टर के लिए मंच पर कोई स्थान नहीं है जो सर्वथा गलत है।

रंगदारी वसूलने में संलिप्त विधायक

पूर्व सांसद दिनेश कश्यप यहीं नहीं रुके। उन्होंने जगदलपुर विधायक रेखचंद जैन पर भी वसूली का आरोप लगाते हुए कहा कि विधायक के साथ ही उनके अमचे-चमचे भी वसूली कर रहे हैं। वे अधिकारियों को डराते हैं और कहते हैं कि यदि उनकी बातें नहीं मानी गईं तो जेल भेज देंगे। उन्होंने बताया कि एक विकाखण्ड शिक्षा अधिकारी को बहुत ज्यादा प्रताडि़त किया गया। फिर मोटी रकम लेने के बाद ही मामला रफा-दफा किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि शहर के एक प्रतिष्ठित ढाबे में शहर के कांग्रेसी नेताओं ने खाना खाया और 15 हजार रुपए का बिल राशन दुकान के संचालक को थमा दिया जिसने उस बिल ककी अदायगी की। पूर्व कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि कांग्रेस सरकार सिर्फ पांच साल के लिए ही बनी है, इसलिए कांग्रेसी नेताओं को लगता है कि इन पांच सालों में सब बटोर लो। कांग्रेसी नेताओं के कृत्य को देखते हुए यही लगने लगा है कि इसके बाद अगले 25 साल तक राज्य में भाजपा की ही सरकार रहेगी।