मुंबई। हिंदी सिनेमा के बेहतरीन गीतकारों और स्क्रिप्ट राइटर्स में से एक जावेद अख़्तर साहब का आज बर्थडे है। 17 जनवरी, 1945 को उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के खैराबाद कस्बे में पैदा हुए जावेद के बचपन का नाम जादू है।जावेद अख़्तर ने बॉलीवुड करियर की शुरुआत बतौर डायलॉग राइटर की थी, लेकिन बाद में वह स्क्रिप्ट राइटर और गीतकार बने। जावेद अख़्तर ने सलीम ख़ान के साथ मिलकर बॉलीवुड को बेहतरीन फ़िल्में दीं। इनमें ‘ज़ंजीर’, ‘त्रिशूल’, ‘दोस्ताना’, ‘सागर’, ‘काला पत्थर’, ‘मशाल’, ‘मेरी जंग’ और ‘मि. इंडिया’, ‘दीवार’, ‘शोले’ जैसी फ़िल्में शामिल हैं। जावेद अख़्तर को 14 बार फ़िल्मफेयर अवॉर्ड मिला है। इनमें सात बार उन्हें बेस्ट स्क्रिप्ट के लिए और सात बार बेस्ट लिरिक्स के लिए अवॉर्ड दिया गया। जावेद अख़्तर को 5 बार नेशनल अवॉर्ड भी मिल चुका है।
जावेद अख़्तर और शबाना आज़मी की लव स्टोरी की बात करें तो आप जानते हैं कि शबाना जावेद साहब की दूसरी पत्नी हैं। जावेद ने साल 1972 में हनी ईरानी से शादी की थी। हनी से जावेद साहब को दो बच्चे हैं- फरहान और ज़ोया अख़्तर। बहरहाल, जावेद और हनी ईरानी का रिश्ता बहुत दिनों तक नहीं चल सका। जब जावेद और हनी की शादी हुई थी तब हनी सिर्फ 17 साल की थीं।
दरअसल, शबाना आज़मी के अब्बा कैफ़ी साहब से मिलने के लिए जावेद अख़्तर अक्सर उनके घर जाते थे। इसी दौरान जावेद और शबाना एक दूसरे के करीब आये और दोनों एक दूसरे को इतना पसंद करने लगे कि दोनों ने शादी करने का इरादा कर लिया। लेकिन, जावेद पहले से ही शादीशुदा थे। ऐसे में जावेद का तलाक लेना ज़रूरी था। जावेद और हनी में अनबन रहने लगी थी और अंततः दोनों अलग हो गए। जावेद और शबाना ने साल 1984 में शादी की।