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ऑनलाइन संपर्क से बनी अपनी माशूक से मिलने तोड़ दी सरहदें, मिली तीन साल की सज़ा, अब हुआ पाकिस्तानी जेल से रिहा

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नई दिल्ली: कहते हैं कि मुहब्बत न जात देखती है और न ही सरहदें। अपनी माशूक की आवाज़ पर आशिक खिंचा चला जाता है। हम बात कर रहे हैं ऐसे ही एक आशिक हामिद निहाल अंसारी की जिसने अपनी महबूब से मिलने सारी सरहदें तोड़ दी.अंसारी ने ऑनलाइन संपर्क के जरिए बनी महिला दोस्त से मिलने के लिए कथित रूप से अफगानिस्तान से पाकिस्तान में प्रवेश किया था. उन्हें 15 दिसंबर 2015 को एक सैन्य अदालत ने तीन साल जेल की सजा सुनाई थी.मुंबई निवासी 33 वर्षीय अंसारी को पेशावर केंद्रीय कारागार में रखा गया था.अदालत की ओर से दी गई सजा पूरी होने पर उन्हें पाकिस्तानी जेल से रिहा कर दिया गया.

भारत ने तीन साल की जेल की सजा के बाद पाकिस्तान द्वारा हामिद निहाल अंसारी को रिहा करने पर राहत व्यक्त करते हुए पाकिस्तान से मछुआरों समेत उन अन्य भारतीय नागरिकों को भी मुक्त करने की गुजारिश की जिनकी सजा पूरा हो चुकी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने पत्रकारों से कहा, ‘हमें पाकिस्तान से एक नोट (संदेश) मिला है कि वे भारतीय नागरिक हामिद निहाल अंसारी को मंगलवार को रिहा कर रहे हैं. यह हमारे लिए बड़ी राहत का मामला है, खासतौर पर परिवार के सदस्यों के लिए. पाकिस्तान की जेल में एक असैन्य भारतीय की कैद खत्म हो रही है.’