जगदलपुर । देश के सुप्रसिद्ध कथाकार, गीतकार नीलेश मिश्रा ने सोमवार को बस्तर आर्ट गैलरी में अपनी कहानियों से लोगों को जोड़ा। जिला प्रशासन के इस आयोजन में बड़ी संख्या में भीड़ जुटी, जिसमें युवा, बच्चे एवं बुजुर्ग भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। इस आयोजन से लोगों का उत्साह देखते ही बना। उल्लेखनीय है कि बस्तर वासियों के हित में स्थानीय लोक कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन की दो संस्थाएं हरिहर बस्तर और पर्यटन समिति के साथ राष्ट्रीय प्लेटफॉर्म स्लो के बीच 2 एमओयू साइन किया गया है।
सोमवार को शाम 6 बजे से शुरू स्टोरी टेलिंग का सेशन लंबे समय तक चलता रहा, लोग जमकर अपने लोकप्रिय कथाकार से एक से बढ़कर एक कहानियां सुनते रहे, वाह-वाही करते रहे। हम सबसे कहानियां जुड़ी हुई हैं, कहानियां हम सभी को जोड़ती है, हम कुछ सोंचते हैं तो कहानी होती है, बोलते हैं तो कहानी। कुछ इसी तरह आज की शाम बस्तर की जनता ने कहानी सुनी और कहानी की बारीकियां समझीं। नीलेश अपने सुपरिचित अंदाज़ में लोगों से रूबरू हुए, और हास्य, व्यंग्य, तीखापन का पुट लिए जीवन से जुड़ी बढ़कर कहानियां सुनाते गए।
उन्होंने कई कहानियां सुनाई, जिनमें वैदेही शीर्षक की कहानी में नीलेश ने जीवन के उहापोह को रेखांकित किया तो मौत ज़िंदगी ने रोजमर्रा की चुनौतियों से उभरी क्षणिक हताशा पर और उम्मीद से उभरने के रास्ते पर प्रकाश डाला, उनके कुछ अंश हैं – कि दरवाज़े पर कोई था… पीछे बच्चों की मौज-मस्ती चल रही थी। औरत ने दरवाज़े पर खड़े आदमी से कहा –मैं ज़िन्दगी हूँ, तुम कौन हो? क्या चाहते हो? दरवाज़े पर खड़ा आदमी बोला –मैं मौत हूँ और आज इस ग्यारह साल के बच्चे को ले जाने आया हूँ। इसके बाद अरेंज मैरिज में चुटकले अंदाज़ में उन्होंने जीवन की गम्भीर बातें और रूढ़िवादिता से सरोकार करवाया। धूप के कोने कहानी के वाचन ने श्रोताओं को मुग्ध कर दिया।
उल्लेखनीय है कि नीलेश मिश्रा देश में बतौर गीतकार और कथाकार अपनी पहचान रखते हैं। उन्होंने जिस्म, वो लम्हे, एक था टाइगर, गैंगस्टर, मक्खी, बर्फी, एजेंट विनोद सहित 50 से अधिक हिंदी फिल्मों में गीत लिखें हैं, कला और कहानी की विधा को आगे बढ़ाने के लिए नीलेश मिसरा निरंतर प्रयासरत हैं। वह गांव कनेक्शन के संस्थापक भी हैं। इस अवसर पर बस्तर कलेक्टर रजत बंसल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह मीणा आयोजन में उपस्थित थे।