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आयरन लेडी:कम समय में राजनीति में दमदार उपस्थिति दर्ज करवाने वाली,बेबाक और मुखर नेत्री कमल झज्ज की कहानी, उन्हीं की जुबानी

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जगदलपुर।इसमें भी कोई शक नही कि मै एक ऐसे समाज से आती हूं जहाँ महिलाओं को राजनीति में आने से पहले बहुत सोचना पड़ता है। लेकिन मैंने इस मिथक को तोड़ा और साबित किया कि अगर हम अपने मे परिपूर्ण है तो आपका व्यक्तित्व निखरेगा,बिगड़ेगा नही। ऐसा कहना है छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले की कांग्रेस नेत्री कमल झज्ज का,जिन्होंने राजनीति में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करवाई है।

कमल अपने शुरुआती दिनों को याद कर कहती हैं कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों में मेरा रुझान हमेशा रहा।मैने आकाशवाणी जगदलपुर में कॉम्पेयरिंग एनाउंसर के रूप में भी अपनी सेवाएं दी है। फिर एक लंबा समय मैने अपने परिवार को दिया। बच्चो के बड़े होने के बाद एक बार फिर कुछ करने की चाह जागी। ये समय था जब मैने गाने के ग्रुप को जॉइन किया और मंच की विधा में पारंगत हुई। आज भी में स्वर संगीत नाम के एक ग्रुप से जुड़ी हूं।

कमल ने बताया कि राजनीति में जब मैने पैर रखा उस समय आप सभी को पता होगा कि कांग्रेस की सरकार नही थी। बहुत बुरा दौर था। महिला कांग्रेस खत्म थी।चुनौतियां बहुत थी लेकिन उन चुनौतियों का सामना करना था। डरना मेरे डिक्शनरी में है ही नही। मैंने महिलाओं से सम्पर्क साधा। पहली बार उनके साथ हरेली कार्यक्रम कर उनको अहसास करवाया कि आप सबकी मेहनत से हम सत्ता में लौट सकते है।विधानसभा के चुनाव में महिला कांग्रेस की सक्रियता पूरे विधानसभा में चर्चित रही।

मेरा एक ही उद्देश्य था सिर्फ जीत। मेरे राजनीतिक गुरु राजीव शर्मा ने आंदोलन करने से लेकर ज्ञापन देने तक की कला में मुझे पारंगत कर दिया। वर्तमान में महापौर सफिरा साहू और मेरी रणनीति से महिला कांग्रेस आगे बढ़ी है।

मैं इतना कहूंगी कि ससुर के राजनीतिक पृष्ठभूमि का लाभ मिलना लाजमी था।लेकिन मैं सक्रिय राजनीति मे आ पाऊंगी यह सपने मे भी नही सोचा था। पर ज़ाहिद खान, सुशील मौर्य और वर्तमान में अध्यक्ष ननि कविता साहू को ना जाने मुझमे क्या प्रतिभा नजर आयी और इन तीनों ने मुझे राजनीति में आने की प्रेरणा दी। राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम ने मेरी प्रतिभा को पहचान मुझे महिला अध्यक्ष के रूप में राजनीति के पटल पर उतारा। इनके अलावा मेरे पति श्री राजेन्द्र झज्ज, मलकीत सिंह गैदु और राजीव शर्मा ने मुझे प्रेरित किया। यू कहें उन्होने राजनीतिक गुरु बनकर मेरा हाथ आगे बढा दिया।

मैंने उसके बाद सांसद दीपक बैज जी का सानिध्य पाया। पहली बार किसी महिला का सांसद प्रतिनिधि बन पाना अपने आपमे गौरव करने योग्य बात है। जहां तक बस्तर की आयरन लेडी के तमगे का प्रश्न है तो शायद कही न कही मेरा बेबाक होना इसे परिभाषित करता है । मै सीधी व सच्ची बात मे विश्वास रखती हूं। मुखरता से बात कहने का अपना अलग आनन्द है। मेरी आवाज़ भी मुझे आयरन की तरह सख्त बनाती है जब आप बोल्ड होकर अपनी बात कहते हो तो सामने वाला ऐसे ही सोच मे पड़ जाता है।

मेरी आवाज़,मेरी हाइट ,मेरा व्यवहार, मेरा व्यक्तित्व सब कोफेक्टर्स है जो मुझे लौह महिला बनने मे सहायता करते हैं । महिला कांग्रेस से लेकर सांसद प्रतिनिधि तक का सफर बहुत रोमांच से भरा हुआ रहा।
वर्तमान में दो जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही हूं।
साथ जी स्थानीय शिक्षा सिमिति महारानी लक्ष्मीबाई कन्या स्कूल की अध्यक्ष भी हूं। विधायक रेखु भैया के क्रांतिकारी भाषण मुझे बहुत लुभाते है। उनके साथ महिला काँग्रेस का तालमेल अविस्मरणीय है।