जगदलपुर। भारतीय जनता पार्टी की रमन सरकार ने छत्तीसगढ़ में किसानों को तबाह किया और अब केंद्र की भाजपा भी किसानों को बर्बाद करने पर तुल गई है. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक सब झूठ बोल रहे हैं. किसान सब देख, समझ रहा है और समय आने पर फिर एक बार वह भाजपा को जवाब देगा.
बस्तर से कांग्रेस के लोकसभा सदस्य दीपक बैज ने एक बयान में कहा है कि भाजपा के 15 साल के राज में 15 हजार से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या कर ली, जबकि बार बार आंकड़े छिपाए जा रहे थे. यह भी सच है कि डॉ रमन सिंह के शासनकाल में बहुत तेजी के साथ प्रदेश के किसान, खेतिहर मजदूर बनकर रह गए क्योंकि न तो उनको शासन की ओर से कोई सुविधा मिली न ही उनकी आय बढाने के गंभीर उपाय किये गए. नरेंद्र मोदी जी की सरकार केंद्र में आई तो वादा किया गया कि स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू की जाएगी और किसानों की आय दोगुनी की जाएगी. लेकिन हुआ कुछ उल्टा ही.
सासंद दीपक बैज ने कहा है कि अब केंद्र सरकार तीन किसान विरोधी काले कानून लेकर आई है. मगर अफ़सोस अब भी भाजपा के नेता और सांसद झूठ बोल रहे हैं जबकि वह अच्छी तरह से जानते हैं कि काला कानून छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में किसानों को पूरी तरह से तबाह कर देगा.भाजपा जानती है कि छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए धान का समर्थन मूल्य उतना ही जरुरी है जितना जीने के लिए आक्सीजन मगर वे नियमों की अनदेखी किए बैठे हैं. ऊपर से यह दुष्प्रचार करने की कोशिश की जा रही है कि देश के केवल 12 फीसदी किसान ही समर्थन मूल्य पर धान बेच पाते हैं. भाजपा को पता है कि एमएसपी को ख़त्म करने में सबसे बड़ा रोड़ा छत्तीसगढ़ है इसलिए केंद्र राज्य सरकार से शुरू से ही धान की 2500 रुपये क्विंटल की खरीदी को लेकर असहयोगात्मक रवैया अपना रहा है।
बस्तर लोकसभा के सासंद दीपक बैज ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में बीते 22 महीने में सरकार ने किसानों का 11 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया है. धान उत्पादक किसानों को प्रोत्साहन (बोनस) राशि के रूप में कांग्रेस सरकार 10 हजार करोड़ रुपये दे चुकी है. राज्य में ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ लागू हो चुकी है. यह तब है जब कोरोना की वजह से देश के तमाम राज्यों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है यह तब है जब केंद्र छत्तीसगढ़ को उसके अपने पैसे नहीं दे रहा है. देश के किसी राज्य में पहली बार ऐसा हो रहा है कि किसी सरकार की ज्यादातर योजनाओं के केंद्र में किसान और ग्रामीण अर्थव्यवस्था है मगर यह बात भाजपा को पच नही पा रही है.इस बीच भाजपा लगातार कह रही है कि केंद्र सरकार ने जब चावल खरीदी डेढ़ गुना बढ़ा दी है, तो प्रदेश की कांग्रेस सरकार भी 20 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से समर्थन मूल्य में धान की खरीदी करें. इसका जवाब तो पहले पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को देना चाहिए कि वो अपनी सरकार में 10 क्विंटल प्रति एकड़ खरीदी पर क्यों आमादा थे? यह सच्चाई है कि कांग्रेस ने विरोध न किया होता तो डॉ रमन सिंह अपनी सरकार में 15 क्विंटल प्रति एकड़ की खरीदी पर कत्तई सहमत नहीं होते.
सासंद दीपक बैज ने कहा है कि रमन सिंह को मुख्यमंत्री के रूप में तीन कार्यकाल मिले थे. वे जानते हैं कि पहली बार प्रदेश में किसानों की संख्या बढ़ रही है. वे राजनीतिक फायदे के लिए झूठ न बोलें, उनका इहलोक तो अब निपट गया कम से कम परलोक की चिंता कर लें।