जगदलपुर। इसी हफ्ते एक किडनी के मरीज की जान बचाने के बाद कलेक्टर बस्तर रजत बंसल का मानवीय चेहरा एक बार फिर सामने आया है। जब एक दस साल से तमिलनाडु से लापता युवक को घर पहुंचाने का बीड़ा कलेक्टर ने उठाया है। निश्चित तौर पर उसके परिजनों के लिए इससे बड़ी खुशी का मौका कोई हो नहीं सकता। 10 साल से जिसकी कोई खोज खबर नहीं थी,जिसकी याद में परिजनों के आंसू भी सूख चुके थे उस शिवप्रकाश को फिर से सामने पाकर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं होगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कलेक्टर रजत बंसल के द्वारा जिले में कोरोन्टाईन किए गए लोगों को सुरक्षित घर पहुंचाने की व्यवस्था की समीक्षा की गई। तब एक व्यक्ति के बारे में पता चला जिसका नाम पता अज्ञात है। जो विगत 31मार्च से दन्तेश्वरी महिला कालेज छात्रावास परिसर में स्थित कोरोन्टाईन वार्ड में है। उसे आनन्द ढाबा के पास 31 मार्च को जगदलपुर पुलिस ने पकड़ा था और बाद में उसे दन्तेश्वरी महिला कालेज छात्रावास परिसर में स्थित कोरोन्टाईन वार्ड में रखा गया है।
कलेक्टर के निर्देश पर जब उससे पूछताछ की गई तब मलयालम और तमिल में उसने टूटे फूटे शब्दों में कुछ लिखा। जिसे जोड़ तोड़ कर पतासाजी की गई तो जानकारी मिली कि उसका नाम शिव प्रकाश, पिता नागाप्पम है जो लगभग दस वर्षों से तमिलनाडु के एचुर गांव, चैय्यार तालुक,जिला तिरूवनामलई,तमिलनाडु से लापता है।
उसके गांव के एक व्यक्ति को जानकारी भेजी गई तो पता चला कि शिवप्रकाश ही वह लापता व्यक्ति है। फिर वहां के अधिकारियों से संपर्क कर कन्फर्म किया गया। अब कलेक्टर बंसल के निर्देश पर आगे की कार्यवाही की जा रही है।
शिव प्रकाश को तमिलनाडु उसके गांव तक पहुंचाने के लिए वहां के जिला प्रशासन से बात की जा रही है। यदि वे उसे बॉर्डर तक लेने आ जाएंगे तो वहां तक पहुंचाने की व्यवस्था भी हमारे द्वारा की जाएगी। इसके अलावा सभी क्वॉरेंटाइन सेंटरों में सारी व्यवस्थाएं ठीक ठाक हैं और क्वॉरेंटाइन में रखे हुए लोगों की साइकोलॉजीकल काउंसलिंग भी की जा रही है। चूंकि देशभर के क्वॉरेंटाइन सेंटरों में आत्महत्या जैसी घटनाएं हो रही हैं क्योंकि वहां रखे जाने के बाद कहीं ना कहीं लोग तनाव में होते हैं। इसलिए मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार सभी क्वॉरेंटाइन सेंटरों में लोगों की साइकोलॉजिकल काउंसलिंग की जा रही है ताकि वे तनाव से बचे रहें।
रजत बंसल
कलेक्टर बस्तर