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बस्तर में काम संभालते ही कलेक्टर ने बचाई पहली जान,हनुमंत के लिए उम्मीद की किरण लेकर आई कल की सुबह,कलेक्टर को बताया मसीहा

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जगदलपुर। दो दिन पहले जगदलपुर में कोरोना पॉजिटिव मरीज के मिलते ही एमपीएम हॉस्पिटल को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया। आड़ावाल निवासी हनुमंत राव जो कि राजीव गांधी शिक्षा मिशन में एपीसी के पद पर कार्यरत है। इस खबर को सुनते ही बहुत बेचैन हो गए।

हनुमंत राव किडनी के मरीज हैं और पिछले 6 साल से उनका डायलिसिस हो रहा है। जब उन्हें पता चला कि अगली सुबह एमपीएम हॉस्पिटल में उनका डायलिसिस नहीं हो पाएगा। तो उन्हें लगा कि शायद अब वे नहीं बच पाएंगे क्योंकि हर 2 दिन बाद उनका डायलिसिस होता है। अगले दिन यदि उनका डायलिसिस नहीं हो पायेगा तो उनकी जान भी जा सकती है।

हनुमंत राव

इस बात से परेशान हनुमंत राव ने रात के 3 बजे के आसपास कलेक्टर बस्तर रजत बंसल को मैसेज किया और अपनी परेशानी बता कर उनसे मदद मांगी। जब सुबह वे सोकर उठे तो डिप्टी कलेक्टर प्रवीण वर्मा का उनके पास फोन आया कि आप चिंता मत कीजिए, आपके डायलिसिस की व्यवस्था मेडिकल कॉलेज,डिमरापाल में की जा चुकी है। हनुमंत राव विश्वास भी नहीं कर पा रहे थे कि उनके सिर्फ एक मैसेज पर कलेक्टर साहब ने तत्काल उनकी मदद की। उसके बाद हनुमंत राव का डायलिसिस कल मेडिकल कॉलेज डिमरापाल में किया गया।

हनुमंत राव ने महिलामीडिया डॉट इन से चर्चा के दौरान बताया कि एमपीएम हॉस्पिटल में उनका कई सालों से डायलिसिस हो रहा है। प्रति डायलिसिस दो से ढाई हजार रुपये का खर्च आता है। कल से उनका मेडिकल कॉलेज में निशुल्क डायलिसिस शुरू हो गया है। हनुमंत राव ने कहा कि कलेक्टर सर मेरे लिए ईश्वर से कम नहीं है जिन्होंने इस मुसीबत की घड़ी में मेरी परेशानी को समझा और मेरी जान बचाई।

कलेक्टर बस्तर ने अभी कुछ दिनों पहले ही यहाँ का कार्यभार संभाला है। वे यहां के लोगों से बहुत ज्यादा परिचित भी नहीं है। फिर भी उन्होंने एक अनजान व्यक्ति की जान बचाई। जिस प्रकार कलेक्टर बस्तर ने बड़ी संजीदगी के साथ मानवता का परिचय दिया है। उसकी हर तरफ भूरि भूरि प्रशंसा की जा रही है।

आपका कलेक्टर रजत
इससे पहले भी बस्तर में कई कलेक्टर आये हैं। समय-समय पर वे पीआरओ के माध्यम से समाचार जारी करते रहे हैं।लेकिन कलेक्टर रजत बंसल ने एक अनोखी पहल शुरू की है। कोरोना काल में वे ऑडियो मैसेज के द्वारा सन्देश भेजते हैं और अंत में कहते हैं कि आपका कलेक्टर रजत।निश्चित तौर पर यह संदेश मन को छू लेने वाला है। जो भी व्यक्ति इस मैसेज को सुनता है तो प्राथमिक तौर पर उसे अपनेपन का अनुभव होता है। जनता को लगता है कि रजत बंसल हमारे कलेक्टर हैं और उनके रहते अब हमें कोई फिक्र नहीं है। जब हमें किसी भी प्रकार की मदद की आवश्यकता होगी तो हमारे कलेक्टर आगे आकर हमारी मदद करेंगे। इस बात की भी शहर में चर्चा है कि यह सिर्फ एक ऑडियो मैसेज नहीं है बल्कि कलेक्टर और जनता के बीच एक कनेक्शन है जो भविष्य में और मजबूत होगा।