जगदलपुर।बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी (शहर) के अध्यक्ष राजीव शर्मा ने आज संचार क्रांति के निर्माता भारत-रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व.राजीव गांधी जी की पुण्यतिथि पर अपने विचार व्यक्त कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. जिलाध्यक्ष श्री शर्मा ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आधुनिक भारत के निर्माता भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व.राजीव गाँधी जी कुशल व सफल शासक साबित हुए. इन्होंने देश और देशवासियों के भलाई तथा देश में अमन शांति के लिए कई कारगर कदम उठाए. जिससे देश में सौहाद्र/भाईचारे का वातावरण निर्मित हो और उसमें वह सफल भी हुए.
श्री शर्मा ने आगे कहा कि इनकी शिक्षा-दीक्षा देहरादून के प्रतिष्ठित विद्यालय में हुई और आगे की पढ़ाई इन्होंने लन्दन में की.उसके बाद इन्हें केम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग करने का ऑफ़र आया और 1965 तक केम्ब्रिज में रहे.1966 में भारत आकर फ्लाइंग क्लब से पायलेट की ट्रेनिंग ली और 1970 में पायलेट के तौर पर इंडियन एयर लाइंस में काम करने लगे. राजीव गाँधी 40 वर्ष के भारत के पहले युवा प्रधानमंत्री थे. वे बहुत ही सरल स्वभाव के धैर्यवान व्यक्ति थे. अहम व ठोस निर्णय सदैव पार्टी से परामर्श लेकर ही करते थे.वे बहुत ही सरलशील युवा के प्रतिबिम्ब थे.देश के लिए एक नवीन अनुभव की छवि रखते थे. इन्होंने देश को आधुनिकता की तरफ अग्रसर किया.युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए उनके हित मे कई निर्णय एवं बदलाव किए.18 वर्ष के युवाओं को मत देने का अधिकार भी इन्ही की देन है.अपने जीवन काल मे भारत को विश्व के सबसे शिखर पर पहुँचाया. युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए उनके हित मे कई निर्णय व बदलाव किए. सरलता से राजनीति को चलाने में उनका कोई तोड़ नही था .
अध्यक्ष श्री शर्मा ने राजीव गांधी की उपलब्धियों को याद करते हुए कहा कि पंचायती राज का निर्माण भी इन्ही की देन है. आदिवासी गरीब किसान की जो मूलभूत समस्याएं भी पंचायती राज के माध्यम से हल हो रही है. उनकी दूर-दृष्टि और इच्छा-शक्ति आज लोगों को लाभान्वित कर रही है. इन्होंने अपने राजनीति जीवन काल मे कई उतार-चढ़ाव भी देखे. कई विषम परिस्थियों का भी सामना किया और अपने प्राणों की आहुति दी. मगर देश की शाख में कोई आंच तक आने नही दिया. इनके बलिदानों का हमेशा-हमेशा से यह देश ऋणी रहेगा.राजीव जी देश के 9 वें प्रधानमंत्री थे. उन्होंने अपने कार्यकाल में गम्भीर और महत्वपूर्ण निर्णय से इस देश को उचाईयों के शिखर पर पहुँचाया सरलता से राजनीति को चलाने में इनका कोई तोड़ नही था. श्रीलंका में हो रहे आतंकी मसलों को निपटाने के लिए राजीव जी ने अहम कदम उठाए जिसके कारण राजीव गांधी जैसे महान नेता को भारत ने खो दिया. राजीव गांधी जी की अकारण निधन से देशवासियों को गहरा आघात पहुंचा.