जगदलपुर।विश्व भर में कोरोना महामारी के चलते कहीं पुलिस के तल्ख तेवर नजर आए तो कहीं उनके द्वारा दिखाई गई संवेदना ने लोगों को सोचने के लिए मजबूर कर दिया कि क्या पुलिस ऐसी भी हो सकती है। निश्चित तौर पर पुलिस के प्रति लोगों की सोच भी बदली है।देशभर में लोगों को सुरक्षित रखने के लिए ये कोरोना योद्धा अपनी जान की बाजी लगाए मुस्तैद खड़े हैं। वहीं बस्तर पुलिस भी पीछे नहीं है।
कोरोना के इस भीषण दौर में बस्तर पुलिस ने जो किया उसे देख कर सैल्यूट करने को मन कर रहा है। मानवता की इससे बड़ी मिसाल क्या हो सकती है कि जब एक शव को कंधा नसीब नहीं हुआ तो बस्तर पुलिस के अधिकारी न सिर्फ उसे कंधा देने खुद सामने आ गए बल्कि पूरे विधि विधान के साथ उसकी अंत्येष्टि भी की। मृतक के परिवार वालों के मन में यह मलाल ना रह जाए कि वे अपने प्रिय के अंतिम संस्कार में शामिल ना हो सके। इसके लिए बकायदा शव को कंधा देने से लेकर उसे अग्नि देने तक के सारे विधि विधानों को उन्हें मोबाइल पर लाइव दिखाया गया।
सुकमा जिले में यूनिफेब इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड में सुपरवाइजर का काम करने वाले बिहार के नालन्दा जिले के निवासी रंधीर कुमार की किडनी फेल होने और पीलिया से मौत हो गई।लॉकडाउन की वजह से रंधीर के पार्थिव शरीर को प्रशासन उसके गृह ग्राम भेजने में असमर्थ रहा। लिहाजा बस्तर पुलिस ने विधि विधान के साथ रंधीर के शव का अंतिम संस्कार करने का फैसला किया।
कोतवाली टीआई धनंजय सिन्हा व बोधघाट टीआई राजेश मरई ने जैन समाज के युवाओं की मदद से अंतिम संस्कार में लगने वाले सभी सामान व लकड़ियों की व्यवस्था की। पूरे विधि विधान से काठी तैयार कर पुलिस के जवानों व थाना प्रभारी ने कंधा दिया। मृतक की चिता को मुखाग्नि सीएसपी हेमसागर सिदार ने दी। परिवार वालों को वीडियो कॉलिंग के माध्यम से मृतक के अंतिम दर्शन करवाये गए और अंतिम संस्कार की पूरी प्रकिया भी दिखाई गई।