जगदलपुर। दंतेवाड़ा विधानसभा उपचुनाव भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है। विगत दिनों जो कांग्रेस पिछड़ती नजर आ रही थी वह अब बढ़त बनाती दिख रही है।भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह पहला चुनाव है इसलिए वे और उनके मंत्री लगातार क्षेत्र का दौरा कर कार्यकर्ताओं को रिचार्ज कर रहे हैं। जहां एक और सांसद दीपक बैज सहित तमाम विधायकों ने कमान संभाल रखी है वहीं प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम और उनकी पूरी टीम यह चुनाव जीतने जी जान से लगी हुई है। कुशल रणनीतिकारों द्वारा संचालित वार रूम में हर बात पर नजर रखी जा रही है।
किरंदुल, बचेली और गीदम में जब महिलामीडिया डॉट इन की टीम ने नॉन पॉलिटिकल लोगों से बात की तो उनका कहना था चूंकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और 11 विधायक कांग्रेस के हैं। हम बीजेपी के विधायक को नहीं जिताना चाहते क्योंकि इससे कहीं न कहीं हमारे क्षेत्र के विकास में अवरोध उत्पन्न होगा। इसलिए हम चाहते हैं कि कांग्रेस जीते ताकि मुख्यमंत्री दंतेवाड़ा जिले पर ज्यादा फोकस कर सकें।
देवती कर्मा का सशक्त व्यक्तित्व भी उनकी जीत की राह आसान कर रहा है।जब बीजेपी सरकार थी तब भी देवती कर्मा अपने क्षेत्र के विकास और लोगों के अधिकारों के लिए बीजेपी के नेताओं सहित अधिकारियों तक से लड़ गईं थी। यही नहीं क्षेत्र के लोगों को आधी रात को भी कोई समस्या आई तब भी देवती कर्मा ने तुरंत जाकर उनकी सहायता की। यहां तक कि ब्यूरोक्रेसी को भी उन्होंने अपने ऊपर कभी हावी होने नहीं दिया। शायद यही वजह है कि दंतेवाड़ा विधानसभा के लोग एक बार फिर उन पर भरोसा करना चाह रहे हैं।