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अभाविप ने एनएसयूआई पर लगाये गंभीर आरोप, कहा- महिला पदाधिकारी से भी किया अभद्र व्यवहार, सबूत दिखाने के बावजूद पुलिस ने दबाव में हमारी बात नहीं सुनी,लेंगे न्यायालय की शरण

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जगदलपुर।बस्तर विश्वविद्यालय में सार्वजनिक प्रेक्षागृह बनाने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। एक ओर जहां अभाविप के पदाधिकारियों के खिलाफ मारपीट करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है वहीं दूसरी ओर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने पुलिस प्रशासन से लेकर एनएसयूआई और सत्ता पक्ष के कई स्थानीय नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री भूपेन्द्र नाग ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर में संजय गांधी उद्यान को तोड़कर प्रेक्षागृह बनाने के विरोध में चलाए जा रहे हस्ताक्षर अभियान के दौरान अभाविप के कार्यकर्ताओं के साथ गाली-गलौज करते हुए धक्का मुक्की की गई वहीं एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं द्वारा झूठी एफआईआर करने का भी आरोप लगाया है।

श्री नाग ने इस पूरे घटनाक्रम पर कहा है कि जब जिले में इस प्रकार से क़ानून व्यवस्था लचर है तो प्रदेश में किस तरह का हाल है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। जब से प्रेक्षागृह का विरोध अभाविप के कार्यकर्ता कर रहे थे। तब से सोशल मीडिया में हमारे कार्यकर्ताओं के लिए अभद्र टिप्पणी पोस्ट की जा रही थी। जबकि हमें मेसेज में गाली-गलौज और देख लेने की धमकी दी जा रही थी। इन तथ्यों के साथ जब हम पुलिस थाना से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत करने पहुँचे तो हमें निराशा हासिल हुई।

घटनाक्रम की आपबीती सुनाते कमलेश दीवान ने कहा कि हम चाहतें हैं कि संजय गांधी उद्यान को तोड़कर प्रेक्षागृह बनाकर निजी राजनीतिक स्वार्थ नहीं साधा जाना चाहिए विश्वविघालय परिसर में सीमित जगह है। संजय गांधी उद्यान उनमें से एक है, जिसका छात्र प्रायोगिक कार्यों में भी इस्तेमाल करते है। 24 घंटे के भीतर अगर इस मसले को संज्ञान में नहीं लिया गया तो हम न्यायालय की शरण में जाकर न्याय की गुहार लगाएँगे।

अभाविप की ज़िला प्रमुख काजल सांडिल्य ने अपने साथ हुई अभद्रता की बात कहते हुए कहा कि एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं द्वारा मेरे साथ अप्रिय शब्दों का इस्तेमाल करते हुए हाथ पकड़कर धक्का-मुक्की किया गया। इसकी शिकायत के बाद पुलिस ने मामला दर्ज करना छोड़ जांच का आश्वासन दिया। इसकी शिकायत मैंने महिला आयोग में भी की है।