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शहर की चालबाज नेत्री की धोखेबाजी की एक नई दास्तान, खुद को अफसर बताकर बुलाया जबलपुर और घूमती मिली जगदलपुर की गलियों में

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बेच दिए थे तूने सारे रिश्ते पहली ही बार में,
पर यारी को तो बख्श दिया होता अपने वार में,
इतना भी क्या डूब गई तू अपने स्वार्थ के प्रचार में,
मेरी दोस्ती की भी बोली लगा दी तूने बीच बाजार में।

जगदलपुर। खुद को एक अंतरराष्ट्रीय कम्पनी का अफसर, पिता को पेट्रोल पम्प का मालिक और भाई को शराब कारोबारी बताने वाली शहर की एक नेत्री से मिलने की हसरत लेकर जबलपुर की खाक छानकर लौटे शहर के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति को उस वक्त सदमा लगा जब वह चालबाज नेत्री जगदलपुर की गलियों में घूमती हुई मिल गई। कभी अपनी युवा बेटी तो कभी अपने दूर की प्रिंसिपल रिश्तेदार की तस्वीरों का फेसबुक में इस्तेमाल करके रसूखदारों को अपने मोह जाल में फंसाना इस चालबाज नेत्री के स्वभाव में शुमार है। लेकिन अब वह धीरे-धीरे बे-नकाब हो रही है। उसका असली चेहरा जगदलपुरवासियों के सामने आने लगा है और वह राजनीतिक दल धर्मसंकट में पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है, जिसने इस चालबाज महिला को ओहदेदार बनाया है।

बेहद शातिर दिमाग की मालकिन इस चालबाज महिला के चक्कर में शहर के व्यापारी, नेता, पत्रकार और कलाकार भी फंस चुके हैं। जैसे ही महिलामीडिया डॉट इन ने इस चालबाज महिला की कारगुजरियों को बे-नकाब करना शुरू किया, पीडि़त सामने आने लगे और अपना दर्द बताने लगे। फेसबुक में आकर्षक तस्वीरों को देखकर चालबाज नेत्री के मोहजाल में फंसे एक व्यक्ति ने जो कहानी बताई, वह यहां प्रस्तुत की जा रही है….

फेसबुक में फेक तस्वीरों वाली इस महिला ने शहर के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति से अपना परिचय बढ़ाया और उसे बताया कि वह जबलपुर में एक अंतरराष्ट्रीय कम्पनी में काम करती है, जहां उसका वेतन 1.20 लाख रुपए मासिक है। पिता के दो पेट्रोल पम्प हैं तथा भाई के पास बारह शराब दुकानों का लाइसेंस है। चालबाज महिला ने प्रतिष्ठित व्यक्ति को प्रभावित करने के लिए कई महंगे उपहार भिजवाए। उपहार लेकर प्रतिष्ठित व्यक्ति तक पहुंचने वाली युवती अपने चेहरे को नकाब में रखती थी। बाद में यह पता चला कि नकाब के पीछे का चेहरा उस चालबाज नेत्री का ही है। खैर आकर्षक महिला से मुलाकात करने का सपना लेकर यह प्रतिष्ठित व्यक्ति जबलपुर पहुंच गया लेकिन लगातार व्यस्त होने का वास्ता देकर वह महिला उसे जबलपुर में नहीं मिल पाई। तीन दिनों तक मिलने की प्रतीक्षा करने के बाद आखिरकार वह प्रतिष्ठित व्यक्ति ठगा हुआ महसूस करते हुए जगदलपुर लौट आया।

कचरा वाहन ने खोला राज
इस चालबाज नेत्री का राज एक रोज उस वक्त खुल गया, जब वह मोबाइल फोन पर प्रतिष्ठित व्यक्ति से बात कर रही थी। उसी वक्त सडक पर सायरन बजाते हुए नगर निगम की कचरा गाडी निकली। चालबाज महिला ने बताया था कि वह जबलपुर में है लेकिन मोबाइल फोन पर अपने पास से गुजरती हुई कचरा गाड़ी का सायरन सुनकर प्रतिष्ठित व्यक्ति को शक हो गया। इसके बाद उसने चालबाज महिला के बारे में जानकारी एकत्र करना शुरू कर दिया। उसे पता चला कि वह महिला जगदलपुर शहर की है और शाम के समय सैर पर निकलती है। उसका लोकेशन न्यू नरेंद्र टॉकीज के आसपास है।

बस फिर क्या था, सच्चाई का पता लगाने के लिए अगले दिन उसने बडा ऑपरेशन किया। उसने अपने मित्रों से कहा कि जब मैं कॉल करूं और कोई महिला उठाए तो उसका ध्यान रखना। फोन लगाने पर उसी चालबाज महिला नेत्री ने फोन उठाया। बातचीत करते हुए पांच मिनट ही हुए थे कि नगर निगम की कचरा गाड़ी फरिश्ता बनकर पहुंची। फोन में बात करते करते जैसे ही नगर निगम की गाड़ी का सायरन बजता है और दूसरी तरफ भी वही आवाज सुनाई पड़ती है। तब तक वह उस महिला को पहचान लेता है और उसे कहता है कि मुड़कर देख, हम तेरे पीछे खड़े हैं। इस तरह वह चालबाज महिला नेत्री बेनकाब होती है।