जगदलपुर। बस्तर संभाग का वन विभाग शुरू से ही विवादों में रहा है। चाहे यहां के एक डीएफओ का एक सभ्रांत महिला को आधी रात मैसेज करने का मामला रहा हो या एक उच्च अधिकारी की जगदलपुर की एक महिला को रायपुर में बंगला दिलवाने का मामला। यहां के एक उच्च अधिकारी शुरू से ही अपने अधीनस्थ विभागीय जांच में फंसे रेंजर पर इसलिए मेहरबान रहे हैं क्योंकि वे अपने आका की हर तरह से सेवा करने को तैयार रहता हैं।कहने का तात्पर्य यह है कि वन विभाग के उच्च पदों पर बैठे ये अधिकारी अपने पद की गरिमा भूल चुके हैं।
ऐसे ही एक मामले के बारे में हम आपको बताते हैं। सम्भागीय मुख्यालय में वन विभाग के एक उच्च अधिकारी से एक मामले की जानकारी लेने कल पत्रकार पहुंचे। अपना विजिटिंग कार्ड अंदर भिजवाने के बावजूद बाहर इंतजार करते पत्रकार और एक महिला बीमा एजेंट में से उक्त अधिकारी ने बीमा एजेंट को तरजीह दी और उसे अंदर बुलाया। पत्रकार और महकमे के कर्मचारी बाहर इंतजार करते रहे लेकिन साहब को फुर्सत मिले तब ना। काफी लंबे इंतजार के बाद जब पत्रकार को उन्होंने अंदर बुलाया तब भी उक्त अधिकारी ने पत्रकार से यह पूछने की जहमत नहीं उठाई कि आप क्यों आये हो।
इन महाशय ने महिला बीमा एजेंट से गप्पे मारना जारी रखा। न तो पत्रकार से उसके आने का कारण पूछा न ही उसकी तरफ देखा। वे बस उस महिला बीमा एजेंट से बातें करते रहे। मजे की बात तो यह थी कि वे अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा दीवार उठाने जैसी यहां वहां की बेसिरपैर की बातें करते रहे और वह महिला बीमा एजेंट भी उनकी हां में हां मिलाती रही।
पन्द्रह बीस मिनट तक उन दोनों की बिना काम की बातों को झेलने के बाद पत्रकार ने वहां से उठ जाना ही उचित समझा। जैसे ही पत्रकार ने जाने के लिए इज़ाज़त मांगी तब उक्त अधिकारी ने कहा ओके, ठीक है, फिर मिलते हैं।आपने बताया भी नहीं, किस विषय पर चर्चा करने के लिए आये थे। तब पत्रकार ने कहा कि सर,किसी मामले को लेकर चर्चा तो करनी थी लेकिन आज आप कुछ ज्यादा ही व्यस्त हैं फिर मुलाकात होगी। पत्रकार के वहां से जाने के बाद भी वे आधे पौने घण्टे तक उसी महिला बीमा एजेंट से गपशप करते रहे। सूत्रों के मुताबिक वह महिला बीमा एजेंट वहां अक्सर आती रहती है और साहब डेढ़ दो घण्टे तक उसके साथ गप्पें मारते रहते हैं और विभाग के अधिकारी और स्टाफ इसी तरह अपनी बारी का इंतजार करते रहते हैं।
इस घटना को बताने के पीछे यह उद्देश्य है कि किस तरह अधिकारी अपने काम के वक्त में फालतू के कामों में व्यस्त हैं। उन्हें इस बात की परवाह नहीं है कि वन विभाग की सीमा में क्या हो रहा है लेकिन अमेरिका की सीमा में क्या हो रहा है इसकी उन्हें चिंता है। पत्रकार किस मसले पर चर्चा करने आये हैं इससे भी उन्हें कोई राबता नहीं है लेकिन एक महिला बीमा एजेंट से उन्हें फालतू बेसिरपैर की बातें करके कुर्सी तोड़ने से मतलब है। अधिकारी की इन हरकतों से विभाग के अधिकारी कर्मचारी परेशान हो रहे हैं जिससे काम प्रभावित हो रहा है लेकिन साहब चाय की चुस्कियां लेकर अपना ज्ञान बघार रहे हैं।