भोपाल । आयुर्वेद दिवस (29 अक्टूबर) को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव आयुष (आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी) कॉलेज व अस्पतालों के डॉक्टरों के लिए बड़ी घोषणा कर सकते हैं। इनकी सेवानिवृत्ति की आयु 62 से बढ़ाकर 65 साल करने की तैयारी है। यह प्रस्ताव शासन स्तर पर पांच साल से भी अधिक समय से लंबित है। मेडिकल कॉलेज, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और पशु चिकित्सा शिक्षा के कॉलेजों में फैकल्टी की सेवानिवृत्ति की आयु पहले से ही 65 साल है, इसलिए आयुष कालेज के शिक्षक व डॉक्टर भी आयु सीमा 65 साल करने की मांग कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में भी डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की उम्र 62 से बढ़ाकर 65 साल की जा चुकी है। इसका बड़ा कारण यह है कि अस्पतालों में डॉक्टरों की संख्या आवश्यकता से कम है। प्रदेश में सात सरकारी आयुर्वेद कालेज, एक होम्योपैथी और एक यूनानी कॉलेज में लगभग 300 शिक्षक हैं। इसी तरह से जिला अस्पताल और अन्य औषधालयों में मिलाकर लगभग 800 चिकित्सा अधिकारी हैं। इनमें 15 से 20 हर साल सेवानिवृत्त हो रहे हैं। सरकार ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से इसी साल 602 आयुष चिकित्सा अधिकारियों को नियुक्त किया है। इस तरह सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ती है, तो करीब 1700 डॉक्टरों को इसका लाभ मिलेगा।
डॉक्टर हाई कोर्ट में लगा रहे याचिका
बता दें, सेवानिवृत्त होने वाले आयुष डॉक्टर आयु सीमा बढ़ाने के लिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका लगा रहे हैं। अभी तक 70 डॉक्टरों को हाई कोर्ट से सेवानिवृत्ति पर स्थगन मिल चुका है। ये डॉक्टर विभाग में सेवाएं दे रहे हैं। राजस्थान में 60 से 62 करने के लिए हुई कानूनी लड़ाई कई राज्यों में एलोपैथी अस्पतालों की तुलना में आयुष अस्पतालों में डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु कम है। राजस्थान में आयुष में 60 और एलोपैथी अस्पतालों में 62 साल है। आयुष डॉक्टर सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने की कानूनी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट से भी जीत चुके हैं।