शिमला । हिमाचल प्रदेश में बीपीएल कार्डधारियों की समीक्षा होगी। गरीबी रेखा से नीचे की सूची में सालों से बने संपन्न परिवारों की पहचान कर उन्हें सूची से बाहर किया जाएगा। पंचायतों में नवंबर में होने वाली ग्रामसभा की बैठक में इस मुद्दे पर विचार होगा। इस समीक्षा के दौरान ऐसे परिवारों को हटाने पर चर्चा होगी, जो आर्थिक रूप से संपन्न हो चुके हैं या जिनके पास सरकारी नौकरी, वाहन, पक्का मकान हैं, लेकिन अब भी बीपीएल लाभ का उपयोग कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में कई सालों से आर्थिक रूप से संपन्न लोग बीपीएल सूची में बने हुए हैं। ग्रामसभा की बैठकों में सभी पंचायतों में ऐसी सूची पर चर्चा होगी ताकि असल जरूरतमंदों को इसका लाभ मिल सके। पंचायत उपचुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता लागू होने की वजह से इस वर्ष अप्रैल में ग्रामसभा की बैठकें नहीं हो सकी थीं। इस कारण बीपीएल सूची की समीक्षा प्रक्रिया में देरी हुई, जो अब नवंबर में होने वाली बैठकों के दौरान पूरी की जाएगी।
क्या है बीपीएल कार्ड के लिए टर्म एंड कंडीशन
बीपीएल सूची में बने रहने के लिए सरकार द्वारा कुछ मानक तय किए गए हैं। इनमें परिवार की मासिक आय 2500 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। असिंचित भूमि 2 हेक्टेयर से अधिक और सिंचित भूमि 1 हेक्टेयर से अधिक नहीं होनी चाहिए। पक्का और बड़ा मकान न हो, परिवार के पास चारपहिया वाहन नहीं होना चाहिए। परिवार का कोई सदस्य सरकारी या गैर-सरकारी नौकरी में न हो। टीवी जैसी विलासिता की वस्तुओं के अंक भी इसके अंतर्गत आते हैं।
38 पंचायतों में कोई भी बीपीएल परिवार नहीं
हिमाचल की 38 पंचायतों में कोई भी बीपीएल परिवार नहीं है, और वहां इस सूची की आवश्यकता नहीं है। सरकार ने बीपीएल परिवारों के लिए हिमाचल को 2,82,370 परिवारों का कोटा तय किया है, जिसमें से वर्तमान में 2.60 लाख परिवार बीपीएल सूची में हैं। इस फैसले का उद्देश्य सही जरूरतमंदों तक लाभ पहुंचाना और संपन्न परिवारों को सूची से हटाना है। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के सचिव राजेश शर्मा ने कहा कि हर साल ग्रामसभा की बैठकों में पात्र और अपात्र परिवारों की समीक्षा होती है, ताकि लाभ जरूरतमंदों तक पहुंच सके।