कोलकाता: पश्चिम बंगाल की जाधवपुर यूनिवर्सिटी (Jadavpur University) के एक प्रोफेसर ने कुंवारी लड़कियों की तुलना ‘सीलबंद बोतल’ या ‘पैकेट’ से की है. प्रोफेसर ने इसको लेकर फेसबुक पर पोस्ट लिखी थी, जिसके बाद बवाल खड़ा हो गया. ‘कुंवारी दुल्हन-क्यों नहीं?’ शीर्षक के साथ लिखी पोस्ट को प्रोफेसर ने बाद में डिलिट कर दिया, लेकिन वह इस पोस्ट को लेकर अपना बचाव करते रहे कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें ‘सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की आजादी’ दी है.
यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल रिलेशन पढ़ाने वाले प्रोफेसर कनक सरकार ने पोस्ट में लिखा था, ‘कुंवारी लड़कियां सीलबंद बोतल या सीलबंद पैकेट की तरह होती हैं. क्या कोई भी बिस्कुट के ऐसे पैकेट या फिर कोल्ड ड्रिंक खरीदना पसंद करेगा जिसकी सील टूटी हुई हो. अधिकत्तर लड़कों के लिए वर्जिन पत्नी परी की तरह होती हैं.’
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी को प्रोफेसर के ‘महिला विरोधी’ बयान की जांच करने और उचित कार्रवाई करने के लिए कहा है. एनसीडब्ल्यू ने प्रोफेसर के इस ‘चौंका देने वाले महिला विरोधी बयान’ पर स्वत: संज्ञान लिया और पश्चिम बंगाल के डीजीपी को मामले की जांच करने और उचित कार्रवाई करने के लिए कहा. उन्होंने डीजीपी को आयोग को इस संबंध में अवगत कराने के लिए भी कहा. इसके साथ ही न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक महिला आयोग की टीम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर से मुलाकात करेगी.
प्रोफेसर ने फेसबुक पर सफाई देते हुए कहा कि वह उसकी व्यक्तिगत पोस्ट थी और उसने अभिव्यक्ति की आजादी का जिक्र किया. उसने लिखा, ‘मैंने किसी भी इंसान, व्यक्ति या किसी के खिलाफ बिना किसी सबूत या किसी संदर्भ के कुछ भी नहीं लिखा है. मैं सोशल रिसर्च कर रहा हूं और समाज की भलाई की के लिए लिख रहा हूं.’
प्रोफेसर की पोस्ट को लेकर हुई आलोचना के बाद जाधवपुर यूनिवर्सिटी ने उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही.