पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर (Bulandshahr Violence) में सोमवार को हुई हिंसा की पड़ताल पुलिस ने शुरू कर दी है. भीड़ की इस हिंसा में एक पुलिसवाले (सुबोध कुमार) और एक आम नागरिक की मौत हो गई है. पुलिस ने अब इस मामले में छापेमारी शुरू कर दी है.
पुलिस ने स्याना क्षेत्र से 3 लोगों को गिरफ्तार किया है, इनसे पूछताछ की जा रही है. दोनों ही गांव घटनास्थल के नजदीक के गांव हैं. कहा जा रहा है कि जो 400-500 लोगों की भीड़ आई थी वह इन्हीं गांवों से आई थी.अभी तक इस मामले में 75 लोगों पर केस दर्ज किया गया है. 25 लोगों को नामजद किया गया है. पुलिस की कुल 6 टीमों ने 22 ठिकानों पर छापेमारी की है.
क्या हुआ बुलंदशहर में…?
गौरतलब है कि सोमवार (3 दिसंबर) को बुलंदशहर के स्याना थाना क्षेत्र के एक खेत में गोकशी की आशंका के बाद बवाल शुरू हुआ. जिसकी शिकायत मिलने पर सुबोध कुमार पुलिसबल के साथ मौके पर पहुंचे थे. इस मामले में एफआईआर दर्ज की जा रही थी, इतने में ही तीन गांव से करीब 400 लोगों की भीड़ ट्रैक्टर-ट्राली में कथित गोवंश के अवशेष भरकर चिंगरावठी पुलिस चौकी के पास पहुंच गई और जाम लगा दिया.
इसी दौरान भीड़ जब उग्र हुई तो पुलिस ने काबू पाने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े और जल्द ही वहां फायरिंग भी होने लगी. जिसमें सुबोध कुमार घायल हो गए और एक युवक भी जख्मी हो गया. सुबोध कुमार को अस्पताल ले जाने से रोका गया और उनकी कार पर जमकर पथराव भी किया गया. अब पुष्टि हुई है कि सुबोध कुमार की मौत गोली लगने से हुई है.
आपको बता दें कि बुलंदशहर के जिलाधिकारी के अनुसार, सुबोध कुमार के सिर में गोली लगी थी, जिस कारण उनकी मौत हुई है. उन्होंने यह भी बताया है कि हमले के बाद जब सुबोध कुमार ने खेत की तरफ जाकर खुद को बचाने की कोशिश की तो भीड़ ने उन पर वहां भी हमला किया.