जगदलपुर। करीब साढे तीन साल पुराने बहुचर्चित पूजा पटेल आत्महत्या-मर्डर प्रकरण की फाइल फिर खुल सकती है। रायपुर से जगदलपुर पहुंची एक्टिविस्ट ममता शर्मा ने शनिवार को पूजा पटेल के परिजनों से मुलाकात की, जिसके बाद उन्होंने पूजा पटेल को इंसाफ दिलाने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है। इस घटना में आरोपी रहे अमित तिवारी भाजपा से जुडा हुआ है तथा बस्तर भाजपा के अधिकतर बड़े नेताओं के साथ उसके करीबी सम्बंध हैं। जिले की निचली अदालत ने उसे इस मामले से बरी कर दिया है लेकिन ममता शर्मा का आरोप है कि भाजपा नेताओं ंके दबाव में आकर पुलिस ने जान-बूझकर प्रकरण को कमजोर किया, जिसके कारण अमित तिवारी रिहा हो गया। इससे पूजा पटेल को इंसाफ नहीं मिल पाया।
30 अप्रैल 2014 में पूजा पटेल का शव डोंगाघाट से बरामद किया गया ता। उसके मोबाइल के कॉल डिटेल्स से यह जानकारी मिली थी कि अमित तिवारी ने उसे 130 एसएमएस तथा 74 फोन कॉल्स किए थे। इनमें प्यार-मोहब्बत तथा शेर-शायरी का जिक्र था। प्रकरण में मृतका की उम्र की भी खासी अहमियत थी। पुलिस ने पूजा को बालिग बताया जबकि उसके परिजनों के अनुसार वह नाबालिग थी। पूजा का शव मिलने के बाद उसके परिजनों ने उसकी हत्या किए जाने की आशंका जताई थी। मृतका की भाभी का कहना था कि जब पूजा की देह पर हल्दी चढाई जा रही थी, तब उसने देखा कि पूजा का शरीर सूजा हुआ था। कंधे और छाती के पास नाखून के निशान थे। उसके वक्षस्थल सूजे हुए थे तथा कंधे, गाल, गले व पीठ पर खरोंच के निशान थे। परिजनों का कहना था कि घटना के महीनेभर तक वे थाने के चक्कर लगाते रहे लेकिन पुलिस ने उनका बयान दर्ज नहीं किया। परिजनों के अनुसार पूजा आत्महत्या नहीं कर सकती है। वह परेशान थी और अमित तिवारी ने उसे नौकरी दिलाने का प्रलोभन दिया था ।
कौन है अमित तिवारी
अमित तिवारी की पहचान एक फोटोग्राफर के रूप में है, जो मुख्यमंत्री समेत भाजपा के तकरीबन सभी बडे नेताओं के कार्यक्रमों में हिस्सा लेता है तथा फोटोग्राफी करता है। इस घटनाक्रम के करीब एक साल बाद पुलिस ने अमित तिवारी को गिरफ्तार किया। तीन महीने बाद उसे जमानत मिली तथा स्थानीय अदालत में मामला चला। साक्ष्य तथा गवाही के अभाव में उसे रिहा कर दिया गया।
इंसाफ दिलाएंगे: ममता
रायपुर से पहुंची एक्टिविस्ट ममता शर्मा ने शनिवार को पूजा पटेल के घर जाकर उसके परिजनों से मुलाकात की। परिजनों ने उन्हें बताया कि इस प्रकरण में अदालत में परिवार को किसी भी सदस्य की गवाही नहीं हुई। दो सदस्यों को वहां बुलाया भी गया था लेकिन अदालत में उनसे किसी भी प्रकार के सवाल-जवाब नहीं किए गए। परिजनों ने फिर दुहराया कि वे पूजा के लिए इंसाफ चाहते हैं लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है, जिससे वे ऊंची अदालत में कानून की लडाई लड सकें। ममता शर्मा ने उन्हें आश्वस्त किया है कि पूजा पटेल को इंसाफ दिलाने के लिए वे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के स्थानीय नेताओं के दबाव में आकर पुलिस ने इस मामले को कमजोर किया है, जिसके कारण पूजा को इंसाफ नहीं मिल पाया है। उन्होंने कहा कि परिजनों के अनुसार पूजा नाबालिग थी अत: आरोपी के खिलाफ पॉस्को एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया जाना चाहिए।