नई दिल्ली: भारतीय महिला क्रिकेट टीम हाल ही में टी- 20 वर्ल्ड कप खेल कर लौटी है.टीम की पूर्व कप्तान मिताली राज ने अपने कोच और भारतीय पुरूष टीम के पूर्व स्पिनर रमेश पोवार पर उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया है. मिताली ने मंगलवार को टीम के कोच रमेश पोवार और प्रशासकों की समिति (सीओए) की अध्यक्ष डायना इडुल्जी की आड़े हाथों लिया है.
मिताली राज ने सेमीफाइनल मैच से पहले वेस्टइंडीज के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन किया था और शानदार अर्धशतक भी लगाया था लेकिन इसके बावजूद उन्हें टीम में जगह नहीं दी गई. मिताली ने इसके खिलाफ बीसीसीआई सीईओ राहुल जोहरी और क्रेकिट ऑपरेशंस जीएम सबा करीम को पत्र लिखा है.
मिताली ने लिखा, “20 साल के करियर में पहली बार मैं हताश, तनावपूर्ण, और हारा हुआ महसूस कर रही हूं. मैं यह सोचने पर मजबूर हूं कि मैंने देश की जो सेवा की है उसकी सत्तासीन लोगों के लिए कोई अहमियत नहीं है और वह मुझे तोड़ने तथा मेरे आत्मविश्वास को खत्म करने में लगे हुए हैं.” उन्होंने कहा, “चीजों को सही दिशा में रखने के लिए।
उन्होंने लिखा कि सेमीफाइनल से पहले मैंने लगातार अर्धशतक लगाए और दोनों मौकों पर मैन ऑफ द मैच चुनी गई. सेमीफाइनल में मुझे बाहर रखकर सिर्फ तीन इनफॉर्म बल्लेबाजों के साथ मैच में जाना, इस फैसले से मैं उतनी ही हैरान थी जितना पूरा विश्व था.”
भारत को दो बार वनडे विश्व कप के फाइनल में पहुंचाने वाली मिताली ने लिखा कि यह चिंताजनक और बेइज्जती करने वाला है क्योंकि कोच मुझे बर्बाद और बेइज्जत करना चाहते थे. उन्होंने मिताली को आस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में एक तरह से नजरबंद कर दिया था और ड्रेसिंग रूम से बाहर नहीं जाने दिया था. इस दौरान पर वह बुखार से जूझ रही थीं. मिताली ने कहा कि वह सेमीफाइनल तक ठीक हो गई थीं, लेकिन कोच के इरादे कुछ और थे जो टॉस के समय तब पता चले जब हरमनप्रीत ने कहा कि टीम प्रबंधन विजयी टीम में बदलाव नहीं करना चाहता.
उन्होंने लिखा, “ऐसा लग रहा था कि पूरी टीम को पता है कि कौन खेल रहा है और सिर्फ मुझे ही नहीं पता. साथ ही दूसरी पारी में जब टीम फील्डिंग के लिए तैयार हो रही थी तो ऐसी प्रथा है कि जो खिलाड़ी टीम में नहीं है वह भी हर्डल में हिस्सा लेंगी, लेकिन मुझे बेइज्जत करने के लिए, उन्होंने मैनेजर से मुझे कहलवाया कि सिर्फ अंतिम-11 की खिलाड़ी ही हर्डल में हिस्सा लेंगीं बाकी डकआउट में ही रहेंगी.”