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सरकार ने बस्तर को रेफर सेण्टर से अधिक कुछ नहीं बनाया,हवा में उड़ गया हवाई जहाज से उड़ने का सपना

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जगदलपुर। कुछ घण्टे बाद जगदलपुर समेत बस्तर की बारह सीटों पर मतदान शुरू होगा। भाजपा चौथी बार सरकार बनाने का सपना देख रही है तो कांग्रेस पंद्रह साल के राजनीतिक वनवास को खत्म करने के लिए पूरा जोर लगा रही है। मतदान से ठीक पहले जगदलपुर के मतदाताओं का गुस्सा राज्य की भाजपा सरकार पर फूटा। मतदाताओं को इस बात पर सर्वाधिक गुस्सा है कि सात जिलों वाले बस्तर संभाग में स्वास्थ्य के नाम पर कोई उल्लेखनीय सुविधा नहीं है। पंद्रह सालों तक सरकार चलाने के बाद भी भाजपा बस्तर को सिर्फ रेफर सेंटर ही बना सकी।

महिलामीडिया डॉट इन से चर्चा करते हुए मतदाताओं ने बताया कि जगदलपुर का प्राचीन महारानी अस्पताल खत्म कर दिया गया। जन विरोध के चलते उसे दुबारा शुरू तो किया गया लेकिन उसमें उपयोगी सुविदाएं आज भी नहीं हैं। मतदाताओं का कहना है कि सभी जानते हैं कि बस्तर नक्सल प्रभावित क्षेत्र है, जहां आए दिन घटनाएं होती रहती हैं। घायलों को प्राथमिक उपचार भी नहीं मिल पाता है। भले उन्हें एयर एम्बुलेंस से रायपुर ले जाया जाता हो लेकिन शुरू के एक-डेढ घण्टे बहुत महत्वपूर्ण होते हैं और उस अवधि में उपचार नहीं मिलने के कारण अधिकतर घायलों की जान चली जाती है। ट्रामा सेंटर के अलावा विशेषज्ञ डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टॉफ की व्यवस्था करने में भाजपा सरकार असफल रही है।

बस भाड़े ने निकाली जान
मतदाताओं ने बस भाडे में लगातार हो रही बढ़ोतरी पर गुस्सा जताते हुए कहा कि सरकार इसे रोकने में पूरी तरह असफल रही है। राज्य के अंदर बस भाडा 470-680 रुपए तक है। जगदलपुर से रायपुर जाने के लिए बस एकमात्र विकल्प है और उसके किराए पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। ट्रासंपोर्टर सिण्डिकेट बनाकर काम कर रहे हैं और सरकार को उपकृत करके यात्रियों की जेबों पर डाका डाल रहे हैं। मतदाताओं ने इस बात पर भी नाराजगी जताई है कि जगदलपुर शहर में पार्किंग व्यवस्था दम तोड रही है। अधिकारी केवल प्रयोग कर रहे हैं। सरकार का पूरा ध्यान रायपुर जैसे शहरों में सुविधाएं उपलब्ध कराने में है। जगदलपुर जैसे शहरों की तरफ उसका कोई ध्यान नहीं है।

आफत बनीं शराब दुकानें
शहर के अंदर सरकार द्वारा संचालित शराब दुकानों को लेकर मतदाताओं में आक्रोश है। उनका कहना है कि शहर के अंदर ही नहीं बल्कि धार्मिक स्थानों के आसपास शराब दुकानें चलाई जा रही हैं। जब ठेकेदार थे, तब विरोध करके दुकानों का स्थान बदलवाया जा सकता था लेकिन अब तो सरकार शराब बेच रही है। किसी भी प्रदेश के लिए यह बेहद शर्मनाक है कि वहां की निर्वाचित सरकार शराब बेचे। शहर के अंदर चल रही शराब दुकानों से महिलाएं असुरक्षित रहती हैं। आए दिनों उन्हें किसी न किसी अप्रिय वारदात का शिकार होना पडता है।

हवाई जहाज बना सपना
मतदाताओं ने भाजपा की केंद्र व राज्य सरकार पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि बडे जोर-शोर से जगदलपुर से हवाई सेवा शुरू की गई ती और कहा गया था कि अब हवाई चप्पल पहनने वाले भी हवाई जहाज का सफर कर सकेंगे। मतदाताओं ने कहा कि इस सुविधा के शुरू होने से उन्हें गौरव होने लगा था और अपने नाते-रिश्तेदारों को उन्होंने इसका जानकारी दी तथा बताया कि अब मात्र एक घण्टे में वे रायपुर पहुंच सकेंगे। लेकिन शुरू होने के बाद हवाई जहाज कभी नहीं चल पाया। एयरपोर्ट में यात्री सुविधाओं का भी अभाव है। वहां किसी भी सवाल का जवाब देने वाला कोई नहीं है। जिन लोगों की फ्लाइट अचानक कैंसल कर दी गई उनके टिकट के पैसे भी आज तक वापस नहीं मिले।

बने पत्रकार सुरक्षा कानून
राज्य सरकार से बस्तर के पत्रकारों की भारी नाराजगी है। उनका कहना है कि बेहद विषम परिस्थितियों में काम करने के बावजूद भाजपा की राज्य सरकार ने उनकी तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। जान जोखिम पर डालकर काम करने वालों को भाजपा सरकार ने भारी निराश किया है। उनके स्वास्थ्य और आवास को लेकर भी सरकार खामोश रही है। पत्रकार सुरक्षा कानून पर भी सरकार ने कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया है।