उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे एनडी तिवारी का निधन हो गया है. उन्होंने दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली.
एनडी तिवारी का निधन उनके जन्मदिन के दिन हुआ है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एनडी तिवारी के निधन पर शोक जताया है.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पंडित नारायण दत्त तिवारी के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करता हूं. ईश्वर से उनकी दिवंगत आत्मा की शांति व परिजनों को दुःख सहने की प्रार्थना करता हूं.’
रावत ने कहा, ‘एनडी तिवारी का जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है. विरोधी दल में होने के बावजूद उन्होंने दलगत राजनीति से ऊपर रहकर सदैव अपना स्नेह बनाए रखा.
तिवारी के जाने से भारत की राजनीति में जो शून्य उभरा है, उसकी भरपाई कर पाना मुश्किल है. तिवारी देश के वित्तमंत्री, उद्योग मंत्री और विदेश मंत्री जैसी अहम जिम्मेदारियां निभा चुके हैं.’
सीएम रावत ने कहा, ‘उत्तराखंड तिवारी के योगदान को कभी नहीं भुला पाएगा. नवोदित राज्य उत्तराखंड को आर्थिक और औद्योगिक विकास की रफ़्तार से अपने पैरों पर खड़ा करने में तिवारी ने अहम भूमिका निभाई.’ इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी नारायण दत्त तिवारी के निधन पर शोक जताया है.
यूपी सीएमओ ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में कहा गया कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के निधन पर शोक व्यक्त किया है. सीएम योगी ने नारायण दत्त तिवारी के शोक संतप्त परिजनों के प्रति भी संवेदना व्यक्त की है.
हाल ही में कांग्रेस नेता नारायण दत्त तिवारी को तबीयत बिगड़ने के बाद दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी ने खुद ट्वीट कर अपने पिता एनडी तिवारी की हालत गंभीर होने की बात कही थी.
यूपी-उत्तराखंड के रहे सीएम
एनडी तिवारी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे हैं. बतौर यूपी सीएम उन्होंने साल 1976-77, 1984-85 और 1988-89 तक तीन बार गद्दी संभाली. इसके बाद 2002 से 2007 तक उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर पांच साल का कार्यकाल पूरा किया.
एनडी तिवारी केंद्र सरकार में भी मंत्री रहे हैं. साल 1986-87 तक वो राजीव गांधी कैबिनेट में विदेश मंत्री रहे. साथ ही साल 2007 से 2009 तक वो आंध्र प्रदेश के राज्यपाल भी रहे.