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फ्रिज, बाइक, लैंडलाइन या किसान क्रेडिट कार्ड तो हैं नहीं मिलेगा आयुष्मान भारत का लाभ

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आयुष्मान भारत स्वास्थ्य सुरक्षा बीमा योजना के लाभार्थियों में सांसदों, विधायकों और मंत्रियों के नाम आने बाद सरकार ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की पात्रता में कुछ बदलाव किए हैं।

नए बदलावों के मुताबिक अगर लाभार्थियों के पास लैंडलाइन, बाइक या फ्रिज है, तो उन्हें स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

आयुष्मान भारत स्वास्थ्य सुरक्षा बीमा योजना को क्रियान्वित करने वाली राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी ने योजना की लाभार्थियों को पात्रता को लेकर सभी राज्यों के सचिवों को सर्कुलर जारी किया है। सर्कुलर में लिखा है कि इस योजना में 10.74 करोड़ गरीब परिवारों को लाभार्थी बनाया गया है। इन परिवारों को सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना 2011 के आंकड़ों के आधार पर शामिल किया गया है।

अपात्रों की होगी पहचान

आयुष्मान भारत के सूत्रों के मुताबिक इस योजना में कई ऐसे लाभार्थी शामिल हो गए हैं, जो इस योजना की पात्रता ही नहीं रखते। उनका कहना है कि पिछले कुछ दिनों से लगातार खबरें आ रही हैं कि कई सांसद, विधायक और ऊंचे रसूख रखने वाले कई लोगों ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना कार्ड हासिल कर लिया है, जिससे इस योजना की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी से जारी सर्कुलर में पात्रता की कुछ नई शर्तों को भी जोड़ा गया है। पत्र के मुताबिक जिन लोगों के पास दो, तीन या चार पहियों वाला वाहन है, वे इस योजना के लाभार्थी नहीं होंगे।

इसके अलावा सरकारी कर्मचारी, सरकार में पंजीकृत गैर कृषि उद्यमी, 10 हजार प्रति माह से ज्यादा कमाने वाले, आयकर दाता, प्रोफेशनल टैक्स दाता, पक्की दिवार और छत समेत तीन से ज्यादा कमरों वाले घर के मालिक, रेफ्रिजरेटर, लेंडलाइन फोन रखने वाले लोगों को योजना से बाहर किया जाएगा।

जांच के बाद सूची से बाहर होंगे अपात्र

इसके अलावा 50 हजार से ऊपर क्रेडिट लिमिट वाले किसान क्रेडिट कार्ड धारक, तीन-चार पहियों वाले कृषि उपकरण रखने वाले, एक सिंचाई उपकरण के साथ ढाई एकड़ से ज्यादा जमीन, 5 एकड़ या उससे ज्यादा सिंचित भूमि के साथ दो से ज्यादा मौसमी फसल उगाने वाले और एक सिंचाई उपकरण के साथ साढ़े सात एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि रखने वाले किसानों को भी इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।

साथ ही, फिशबोट रखने वाले मछुआरे भी इसके दायरे से बाहर रहेंगे। सर्कुलर के मुताबिक सभी जिलाधिकारियों, जिला कलेक्टरों, उपायुक्तों को अधिकार दिए गए हैं, कि ऐसे लोगों की जांच करा कर उन्हें योजना की सूची से बाहर किया जाए। गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले 50 करोड़ लोगों को इस योजना का लाभार्थी बनाया गया है, जिसमें उन्हें पाच लाख रुपए का कैश लैस बीमा मिलेगा।