खाने में पोषक तत्वों की कमी होने से इसका असर शारीरिक विकास पर पड़ता है। शाकाहारियों से ज्यादा मांसाहारियों के भोजन में पोषक तत्वों की पूर्ति आसानी से हो जाती है।
वेजीटेरियन लोग शुद्ध खाने का सेवन तो करते ही हैं लेकिन बैलेंस डाइट न होने के कारण उनका पोषण कहीं न कहीं अधूरा रह जाता है।
ऐसा नहीं है कि जो लोग मांस नहीं खाते उनका शारीरिक विकास अच्छी तरह न नहीं होता लेकिन इसके लिए जरूरी है भोजन को सही अनुपात और तरीके से खाना।
1. प्रोटीन का पोषण
प्रोटीन की आवश्यकता हर किसी को होती है। महिलाओं को रोजना 46 ग्राम और पुरुषों को 56 ग्राम प्रोटीन का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा इसकी मात्रा उम्र, कद और वजन पर भी निर्भर करती है। सही अनुपात में प्रोटीन का सेवन करने से सेहत अच्छी रहती है।
प्रोटीन डाइट के स्त्रोत
1 कप साबुत अनाज में 18 ग्राम प्रोटीन होता है। जबकि 1 कप टोफू में 20 ग्राम,बींस में 15 ग्राम पाया जाता है। इसके अलावा दही, साबुत दालें, काबुली चने, मटर भी प्रोटीन के अच्छे स्त्रोत हैं।
2. विटामिन डी
मांसपेशियों, हड्डियों के साथ-साथ प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में विटामिन डी बहुत जरूरी है। प्रोटीन के साथ-साथ विटामिन डी युक्त आहार का सेवन करना भी बहुत जरूरी है। 1 से 70 साल की उम्र के लोगों को रोजाना 15 माइक्रोग्राम विटामिन डी की जरूरत होती है। इससे ज्यादा उम्र के व्यक्ति को 20 माइक्रोग्राम विटामिन डी का सेवन करना चाहिए।
विटामिन डी के स्त्रोत
सोयाबीन,ओट्स, सोया मिल्क,सूरज की रोशनी, संतरा,जूस और फोर्टिफाइड अनाज इसके अच्छे स्त्रोत हैं।
3. विटामिन बी 12
स्मरणशक्ति का कमजोर होना,एनिमिया, नर्व सिस्टम डैमेज होना और थकान आदि सहित कई परेशानियों का कारण शरीर में विटामिन बी 12 की कमी है। रोजाना एक व्यस्क को 1.9-2.4 माइक्रोग्राम विटामिन बी 12 की जरूरत होती है। गर्भवती स्त्रियों को 2.6 माइक्रोग्राम, और दूध पिलाने वाली औरतों को 2.8 माइक्रोग्राम विटामिन बी 12 का सेवन करना चाहिए।
विटामिन बी 12 के स्त्रोत
बैलेंस डाइट के लिए दही,फोर्टिफाइड अनाज, ड्राई फ्रूट्स, नट्स, अंडे, पनीर आदि खा सकते हैं।