देश में सबसे अधिक नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ का बस्तर क्षेत्र विधानसभा चुनाव परिणाम के लिहाज से महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
इस क्षेत्र में भाजपा अपना भाग्य बदलने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रही है, क्योंकि 2013 में कांग्रेस ने यहां बेहतर प्रदर्शन किया था।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर समेत राज्य की अपनी यात्राओं के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि राज्य सरकार के ‘‘विकास कार्यों’’ और नक्सली हिंसा में कमी की वजह से क्षेत्र में कांग्रेस बाहर हो गई है।
बस्तर की 12 विधानसभा सीटों में से 2013 में कांग्रेस ने आठ सीटें जीती थी। हालांकि भाजपा कुल सीटों में विपक्ष को किनारे करने में सफल रही थी। मैदानी इलाकों में भाजपा के अच्छे प्रदर्शन के कारण यह संभव हो सका था।
उस समय प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार रहे नरेन्द्र मोदी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में व्यापक रूप से प्रचार किया था। 2008 में भाजपा ने बस्तर की 12 सीटों में से 11 सीटें जीती थी। उस समय 90 सदस्यीय विधानसभा सीटों में से पार्टी ने 50 सीटों पर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस ने 38 सीटें जीती थी।
राज्य में कराये गये जनमत सर्वेक्षणों में इन दो परम्परागत प्रतिद्वंद्वियों के बीच करीबी लड़ाई होने का अनुमान जताया गया है। शाह राज्य का लगातार दौरा करके पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर रहे है और जनसभाओं को संबोधित कर रहे है। छत्तीसगढ़ में दो चरणों 12 और 20 नवम्बर को चुनाव होंगे। मतों की गिनती 11 दिसम्बर को होगी