नई दिल्ली : #me too मूवमेंट में कई महिलाओं की तरफ से सेक्शुअल हैरसमेंट के आरोपों का सामना कर रहे केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर मोदी सरकार में बने रहेंगे या नहीं, इसे लेकर मंथन चल रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक pmo में एक उच्च स्तरीय बैठक चल रही है। इस बीच यह भी खबर आई थी कि रविवार को नाइजीरिया से लौटने के बाद एमजे अकबर ने ईमेल से इस्तीफा भेज दिया।
सरकार ने इससे इनकार किया है। बताया जा रहा है कि अकबर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात कर उन्हें इस पूरे मुद्दे पर सफाई दे सकते हैं। अकबर पर पद छोड़ने का भारी दवाब है।
इस बीच रविवार सुबह भारत लौटने के बाद दिल्ली में एयरपोर्ट पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए विदेश राज्य मंत्री अकबर सवालों से बचकर निकल गए थे। बीजेपी इस मुद्दे पर जहां अब तक चुप्पी साध रखी है, वहीं पार्टी सूत्रों का कहना है कि उनके खिलाफ लगे आरोप गंभीर हैं और उनका मंत्री पद पर बने रहना तय नहीं है।
सूत्रों ने कहा कि इस मामले में अंतिम फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। बीजेपी ने संकेत दिया था कि स्वदेश लौटने के बाद अकबर द्वारा इस विषय पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के उपरांत पार्टी उन पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर कोई स्पष्ट रूख अपनाएगी।
सोशल मीडिया पर करीब 9 महिलाओं ने अकबर पर सेक्शुअल हैरसमेंट का आरोप लगाया है। हालांकि ये आरोप तब के हैं, जब एमजे अकबर की राजनीति में एंट्री नहीं हुई थी। अधिकतर आरोप एमजे अकबर के पत्रकारिता करियर के दौरान उनके साथ काम की हुई महिला पत्रकारों ने लगाए हैं।