छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है। जहां एक तरफ चुनाव आयोग ने निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं, तो वहीं दूसरी ओर नक्सली भी चुनाव का बहिष्कार करने में लगे हुए हैं।
ऐसे में मतदाताओं की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा बन गया है। इसको देखते हुए चुनाव आयोग ने वैसे इलाकों में मतदाताओं की उंगलियों पर स्याही न लगाने का विचार कर रही है, जहां नक्सली सक्रिय हैं।
छत्तीसगढ़ चुनाव आयोग ने इसको लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग से भी पूछा है। बता दें कि चुनाव के दौरान वोट देने से पहले मतदाताओं की उंगलियों पर स्याही लगाई जाती है, ताकि मतदाता दोबारा वोट न सकें और चुनाव में धांधली न हो। यह स्याही ऐसी होती है कि इसके निशान कई दिनों तक मतदाताओं की उंगलियों पर रहते हैं।
राज्य के 14 इलाकों में सक्रिय हैं नक्सली
छत्तीसगढ़ में 14 ऐसे क्षेत्र हैं जहां नक्सली सक्रिय हैं। अधिकारियों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव आयोग से पूछा है कि क्या इन क्षेत्रों में स्याही का इस्तेमाल बंद हो सकता है?
चुनाव से संबंधित एक अधिकारी ने बताया कि अगर चुनाव आयोग छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के सुझाव को मान लेता है तो इसके लिए चुनाव के नियमों में कुछ बदलाव करने होंगे।
नक्सल प्रभावित इलाकों के लोगों ने लगाई गुहार
राज्य के नक्सल प्रभावित इलाकों के लोगों का कहना है कि वो विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करना चाहते हैं, लेकिन चुनाव में इसकी पहचान के लिए स्याही नहीं लगवाना चाहते।
12 और 20 नवंबर को होंगे चुनाव
छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव होने हैं। पहले चरण में 12 नवंबर को चुनाव होंगे, जबकि दूसरे चरण में 20 नवंबर को मतदान कराए जाएंगे। जिसमें बस्तर की 12 सीटों पर पहले चरण में 12 नवंबर को मतदान होना है। चुनाव आयोग ने छत्तीसगढ़ के 1 करोड़ 81 लाख से अधिक मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए इस बार 23 हजार 411 मतदान केंद्र चिह्नित किये हैं।