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कीड़े-मकोड़ों वाले दाल-चावल, घोंघे वाली रोटी और गंदा पानी पीने को मजबूर हैं भावी डॉक्टर्स,मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स भूखे रहकर कैसे गढ़ेंगे अपना भविष्य?

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जगदलपुर.अपनी आंखों में डॉक्टर बनने का सपना संजोये युवा स्व बलिराम कश्यप स्मृति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय डिमरापाल,जगदलपुर में पढ़ाई करने पहुंचे. वे काफ़ी खुश थे कि अब डॉक्टर बनकर वे लोगों की सेवा करेंगे. उनकी खुशियों को ग्रहण तब लगा जब उन्हें ऐसा खाना परोसा जाने लगा जिसे शायद जानवर भी खाना पसंद नहीं करते.कीड़े मकोड़ों वाली दाल और घोंघे वाली रोटी, ऐसा खाना खाने को मजबूर हैं हमारे भावी डॉक्टर्स.मेडिकल स्टूडेंट्स यदि वह खाना खाते हैं तो बीमार पड़ते हैं यदि नहीं खाते तो भूखे रहकर अपना भविष्य कैसे गढ़े.बार बार उन्होंने इसकी शिकायत जिम्मेदारों से की लेकिन उनकी कहीं सुनवाई नहीं हुई.

एमबीबीएस प्रथम वर्ष के लगभग 70 स्टूडेंट्स पीएसएम हॉस्टल तोकापाल में रहकर अपनी पढ़ाई करते हैं.नाम न छापने की शर्त पर स्टूडेंट्स ने बताया कि उन्हें जो खाना दिया जाता है वह बेहद घटिया क्वालिटी का होता है.दाल चावल व सब्जी में कीड़े मकोड़े तैरते रहते है.रोटी में घोंघे होते हैं, खाना देख कर हमें उबकाई आने लगती है इसलिए हम अक्सर भूखे रहते थे.सिंटेक्स की टंकी में कीड़े व गंदगी है.वाटर फिलटर भी अक्सर खराब रहता है.आप ही बताइये ऐसा गंदा खाना खाकर हम कैसे पढ़ेंगे.

स्टूडेंट्स ने बताया कि कीड़े मकोड़ों वाला भोजन लम्बे समय से हमें परोसा जा रहा है जिसे हम खाने को मजबूर हैं. गंदा खाना और गंदा पानी पीकर हम बीमार होने लगे हैं.हमारे सीनियर्स को भी पहले इसी तरह का खाना दिया जाता रहा है.उन्होंने मेस इंचार्ज विकास त्रिवेदी और केयर टेकर शशांक से भी कई बार अच्छा खाना देने को कहा है लेकिन उन दोनों ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया. हॉस्टल का ड्रेनेज़ सिस्टम ओपन है. हॉस्टल बी के पास पेड़ और झाड़ियां है जिससे मच्छरों के काटने से मलेरिया और डेंगू का खतरा बना रहता है.

मेडिकल स्टूडेंट्स का आरोप है कि केयर टेकर शशांक शराब के नशे में धुत्त रहता है और गार्ड्स को स्टूडेंट्स के खिलाफ भड़काता रहता है.छात्रों ने समय-समय पर उन दोनों के खिलाफ शिकायतें भी की. इसकी जानकारी उन्होंने अपने प्रोफेसरों को भी दी लेकिन किसी ने भी इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया. आप समझ सकते हैं कि कितनी बेबसी में ये मेडिकल स्टूडेंट पढ़ रहे हैं. कीड़ों वाला भोजन न निगलते बन रहा है और न ही उगलते बन रहा है.

यह जाँच का विषय है. दोनों पक्षो  से बात करने पर पता चलेगा कि तथ्य क्या हैं. मेडिकल स्टूडेंट्स ने कभी कोई शिकायत नहीं की.

श्री पैकरा,डीन,मेडिकल कॉलेज, जगदलपुर