Home क्षेत्रीय खबरें / अन्य खबरें यदि प्रवीरचन्द्र जीवित होते तो उनके सपनों का बस्तर अशांत नहीं होता,उनकी...

यदि प्रवीरचन्द्र जीवित होते तो उनके सपनों का बस्तर अशांत नहीं होता,उनकी हत्या की जांच हो और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए-बृजमोहन अग्रवाल

247
0

जगदलपुर। यदि प्रवीरचन्द्र जीवित होते तो उनके सपनों का बस्तर अशांत नहीं होता। उनका महत्व नई पीढ़ी तक पहुंचना जरूरी है। लोहंडीगुड़ा के गोली कांड में सैकड़ों आदिवासी मारे गए थे। तब से बस्तर अशांत होता चला गया।आज बस्तर उबल रहा है।। उक्त बातें महाराजा प्रवीर चंद्र भंजदेव की पुण्यतिथि पर बस्तर पहुंचे पूर्व मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल ने कहीं।

उन्होंने प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि असहमति को कुचलना शुरू से कांग्रेस का स्वभाव रहा है जिसे हमने इमरजेंसी के समय देखा है। प्रवीरचन्द्र भंजदेव की शहादत के 56 सालो के बाद भी उनकी याद में कोई स्मारक नहीं बना। अभी तक जांच आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक नही की गई। उनकी हत्या की जांच फिर से होनी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। 2023 में बीजेपी की सरकार बनने पर महाराजा प्रवीर चंद्र और सैकड़ों आदिवासियों के बलिदान की याद में स्मारक बनवाएंगे ।

बृजमोहन अग्रवाल ने आगे कहा कि कांग्रेस की सरकार आने के बाद आदिवासियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। कांग्रेस ने बस्तर को चारागाह बना दिया है। जायज मांगों के लिए आदिवासियों को सड़क पर उतरकर हड़ताल और आंदोलन करना पड़ रहा है। कांग्रेस सरकार के खिलाफ आदिवासियों का गुस्सा फूट पड़ा है।आदिवासी बस्तर के अलग-अलग जगहों पर बड़ी संख्या में हितों की लड़ाई लड़ रहे हैं।