इस योजना के क्रियान्वयन के लिए राज्य सहित जिले के आला अधिकारियों को हुआ आदेश इसे अमलीजामा पहनाने युद्ध स्तर पर तैयारी शुरू.
विश्व महामारी कोविड-19 ने जिन गरीब निःशक्तजन परिवारों का सहारा छीना उस परिवार का सहारा बनेगी राज्य की भूपेश सरकार.
कांग्रेस की भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना के तहत लिया गरीब निःशक्तजन बेसहारा बच्चों के भविष्य को संवारने का निर्णय.
जगदलपुर।बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी (शहर) के जुझारू अध्यक्ष राजीव शर्मा ने कोरोना से मृत व्यक्तियों के बेसहारा बच्चों को निःशुल्क शिक्षा सहित छात्रवृत्ति देने के फैसले की सराहना कर राज्य सरकार के मुखिया का माना हृदय से आभार और कहा कि राज्य के बेसहारा बच्चों को निःशुल्क स्कूली शिक्षा के साथ ही छात्रवृत्ति भी प्रदान करने राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना प्रारंभ की जा रही है विभाग द्वारा इस योजना की किरण की अधिसूचना जारी कर दी गई है योजना के तहत ऐसे पात्र स्कूलों में प्रवेश हेतु छात्रों को कक्षा पहली से आठवीं तक ₹500 प्रति माह और कक्षा नौवीं से बारहवीं तक ₹1000 प्रति माह की छात्रवृत्ति दी जाएगी भूपेश सरकार की मंशाअनुरूप योजना का लाभ उन बच्चों को अवश्य मिले जिनके सर से उनके माता-पिता का साया हट चुका है वह बेसहारा बच्चे इस योजना के लाभ से अवश्य लाभान्वित होंगे सरकार की इस महती योजना उनके भविष्य को अवश्य ही उज्जवल बनाएगी स्वास्थ्य विभाग और समाज कल्याण विभाग के समन्वय से ऐसे बच्चों को इस योजना का लाभ अवश्य मिलेगा।
श्री शर्मा ने कहा कि इस योजना की पात्रता शर्तों में ऐसे बच्चे जिनके परिवार से कमाने वाले माता,पिता या दोनों की मृत्यु कोविड-19 से हो गई हो इसके अलावा बेसहारा बच्चे स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के लिए पात्रता रखते हो और उनके घर में कमाने वाले वयस्क सदस्य ना रहने के कारण भरण-पोषण की समस्या हो गई हो उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा योजना के तहत पात्र पाए गए बच्चों को प्रदेश के शासकीय शालाओं में निशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी ऐसे पात्र बच्चों को राज्य शासन द्वारा संचालित स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में प्रवेश में प्राथमिकता दी जाएगी तथा उनके शिक्षा का संपूर्ण व्यय राज्य शासन द्वारा वहन किया जाएगा इसके साथ ही छात्रवृत्ति भी दी जाएगी ऐसे बच्चे जिनके कमाने वाले माता पिता की मृत्यु हो गई उन्हें भी निशुल्क शिक्षा दी जाएगी पात्र छात्रों को स्कूली शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा तथा प्रतिभावान छात्रों को व्यवसायिक पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए प्रशिक्षण कोचिंग की सुविधा राज्य सरकार के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी।