जगदलपुर। सूरजपुर के कलेक्टर को हटाए जाने के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्णय को क्रेडा अध्यक्ष मिथिलेश स्वर्णकार ने भाजपा और कांग्रेस की विचारधारा के बुनियादी फ़र्क का परिणाम बताया है। क्रेडा अध्यक्ष मिथिलेश स्वर्णकार ने कहा है कि कांग्रेस के ढाई साल और भाजपा के राज के पन्द्रह साल का बुनियादी फर्क साफ दिखने लगा है। सूरजपुर कलेक्टर को हटा कर मुख्यमंत्री ने बता दिया कि छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक अराजकता और प्रशासनिक आतंक का वह युग बीत चुका है। जिसका उल्लेख स्वयं तत्कालीन भाजपा नेता स्व. दिलीप सिंह जूदेव और पूर्व सांसद रमेश बैस अनेकों बार कर चुके हैं।
रमन राज में जनता से व्यव्हार का आलम यह था कि थाने में लोगों की हत्याएं हो जाती थी पर कार्यवाहियां नहीं होती थीं। सूरजपुर की घटना पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तत्काल संज्ञान लिया,रात की घटना थी और बिना कोई विलंब के कलेक्टर को सुबह ही हटा दिया गया।मुख्यमंत्री ने पीड़ित बच्चे और उनके परिजनों से खेद व्यक्त किया और बच्चे को नया मोबाइल दिलवाने के आदेश दिये।
क्रेडा अध्यक्ष ने कहा है कि रमन राज के 15 साल के कुशासन में प्रशासनिक आतंकवाद चरम पर था। मूलमुला की घटना छत्तीसगढ़ वासी आज तक भूले नहीं है, किस प्रकार से सतीश नोरगे नामक युवक को थाने में पीट-पीटकर मार दिया गया था। मुंगेली के धन्नू बांधे को कवर्धा थाने में पीट-पीटकर मारने के बाद बताया गया था कि ट्रांसफार्मर में चढ़ने से करेंट लगने से मौत और बलौदा बाजार के सुहेला के राम कुमार ध्रुव की पुलिस प्रताड़ना की मौत भी सर्वविदित है। मीना खलखो और मड़कम में मामले में अंतरराष्ट्रीय मीडिया में किरकिरी होने के बावजूद रमन सरकार लीपापोती मोड से बाहर ही नहीं निकल पाई थी।इसके विपरीत प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने त्वरित निर्णय लेकर अन्याय के विरुद्ध प्रदेश सरकार की मंशा स्पष्ट कर दी है।
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