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बोधघाट पुलिस महिला अपराधों के प्रति है बेहद सजग और संवेदनशील,आरोपी को गिरफ्तार कर महज 40 घण्टों में न्यायालय में पेश किया चालान,बस्तर में इतनी तेजी से कार्रवाई का यह है पहला मामला

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जगदलपुर। जब से बोधघाट थाना प्रभारी धनजंय सिन्हा ने कमान संभाली है तब से उनके नेतृत्व में बोधघाट पुलिस अपराधियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। चाहे नशे के सौदागरों पर कार्रवाई की बात हो या आपराधिक तत्वों पर नकेल कसने की हर जगह बोधघाट पुलिस पूरी शिद्दत से जुटी हुई है। बोधघाट पुलिस महिला अपराधों के प्रति भी बेहद सजग और संवेदनशील है। इसका ताजा उदाहरण देखने को मिला जब बोधघाट पुलिस ने नाबालिग लड़की से शादी का झांसा देकर उससे शारीरिक संबंध बनाने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर महज 40 घण्टों में न्यायालय में चालान पेश किया। माननीय न्यायालय ने आरोपी को सलाखों के पीछे भेज दिया है। बस्तर जिले में इस तरह के मामले में पुलिस के द्वारा इतनी तेजी से कार्रवाई करने का यह पहला मामला है। इससे पहले भी बस्तर पुलिस महिलाओं और युवतियों से सम्बंधित मामलों में आरोपियों को पकड़कर उनके खिलाफ 4 और 10दिनों के भीतर ही चालन पेश कर चुकी है।

बोधघाट टीआई धनंजय सिन्हा ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि थाना क्षेत्र में रहने वाली एक नाबालिग लड़की ने पेट में दर्द होने की शिकायत अपने परिजनों से की। जिसके बाद परिजन उसका ईलाज कराने अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में चिकित्सक ने नाबालिग लड़की की जांच की। जांच के दौरान चिकित्सक ने नाबालिग को 3 माह के गर्भ से होना पाया। सूचना मिलते ही बस्तर पुलिस अधीक्षक दीपक झा के दिशा – निर्देश पर पुलिस भी अस्पताल पहुंच गई। अस्पताल पहुंचते ही पुलिस ने नाबालिग से बातचीत करते हुए घटना की जानकारी हांसिल की।

पीड़िता ने पुलिस को बताया कि शांति नगर निवासी एक युवक द्वारा उसे शादी का झांसा देकर उसके साथ पिछले एक साल से शारीरिक सम्बन्ध बना रहा था। जिसके वजह से वह अभी गर्भवती हो गई है। जानकारी मिलते ही पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज करते हुए आरोपी की पतासाजी में जुट गई। कुछ देर बाद पुलिस ने आरोपी सुमित दान (20) निवासी शांति नगर वार्ड को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच करते हुए पीड़िता का मुलाहिजा, सीडब्ल्यूसी के समक्ष बयान तथा अन्य आवश्यक कार्रवाई करते हुए 40 घण्टों के भीतर ही आरोपी के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश कर दिया। माननीय न्यायालय ने आरोपी को जेल भेज दिया है।

इस मामले में विवेचना अधिकारी सहायक उपनिरिक्षक वंदना सिंह, सहायक उपनिरीक्षक इंदु शर्मा, सहायक उपनिरीक्षक राम विलास नेगी, सहायक उपनिरीक्षक शैलेन्द्र राय, सहायक उपनिरीक्षक सतीश यादव, महिला आरक्षक महेश्वरी साहू, आरक्षक अर्जुन गुप्ता, आरक्षक चंदन गोयल और आरक्षक रहीश नाग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।