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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बाद ब्रिटेन के दर्जनों सांसदों ने भी किसानों के विरोध-प्रदर्शन का किया समर्थन

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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बाद ब्रिटेन के दर्जनों सांसदों ने भी भारत में किसानों के विरोध-प्रदर्शन का समर्थन किया है.ब्रिटेन में अलग-अलग पार्टियों के कुल 36 सांसदों ने वहां के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब से कहा है कि वो भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात करें और उन्हें बताएं कि भारत में कृषि क़ानून के ख़िलाफ़ चल रहे प्रदर्शन से ब्रिटिश पंजाबी प्रभावित हो रहे हैं.

शु्क्रवार को इन सांसदों की तरफ़ से एक पत्र जारी किया गया है. इस पत्र को लेबर पार्टी के ब्रिटिश सिख सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी ने ट्विटर पर पोस्ट किया है.इस पत्र पर अन्य भारतीय मूल के सांसदों के भी हस्ताक्षर हैं. हस्ताक्षर करने वालों में वीरेंद्र शर्मा, सीमा मल्होत्रा और पूर्व लेबर नेता जर्मी कोर्बिन भी शामिल हैं.

पत्र में लिखा है, “ये एक साझा पत्र है जिसमें आपसे गुज़ारिश की जा रही है कि आप भारतीय विदेश मंत्री से मुलाक़ात करें और कृषि क़ानूनों के विरोध में हो रहे विरोध प्रदर्शनों का जो असर ब्रितानी पंजाबियों और सिखों पर पड़ रहा है उसे लेकर उनसे बात करें.”

“ब्रिटेन में बसे सिखों और पंजाब से जुड़े लोगों के लिए ये बेहद अहम मुद्दा है. कई ब्रितानी सिख और पंजाबी इन मुद्दों को लेकर अपने सांसदों से बात कर रहे हैं और उनका कहना है कि पंजाब में उनके परिजन हैं, उनकी पुश्तैनी ज़मीनें हैं और विरोध का असर उन पर पड़ रहा है.”

हाल में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक बार फिर किसान प्रदर्शनकारियों का समर्थन करते हुए कहा था कि उनकी सरकार हमेशा से “शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शनों” की समर्थक रही है.कनाडा के कुछ समूहों ने मिल कर ओटावा में मौजूद भारतीय उच्चायुक्त के दफ्तर तक विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में ‘पंजाब किसान कार रैली’ निकाली थी.किसान आंदोलन पर कनाडा के पीएम की टिप्पणी को लेकर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी. भारतीय विदेश मंत्रायल के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव का कहना था कि ये भारत का अंदरूनी मसला है, जस्टिन ट्रूडो बिना सच्चाई जाने दूसरे देश के आंतरिक मामले में ग़ैर-ज़रूरी टिप्पणी कर रहे हैं.