रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक एडीएम स्तर के अधिकारी के खिलाफ पत्नी को प्रताड़ित करने की महिला आयोग में शिकायत करने पर सुनवाई में आने की जगह यह कहा कि मैं महिला आयोग को नहीं मानता जिससे जो बनता है कर लें। बच्चों को अपने पास रखकर पत्नी को घर से निकालने वाले कोरिया के अपर कलेक्टर का मामला महिला आयोग के समक्ष आया। सुनवाई के दौरान अपर कलेक्टर सुखनाथ ने तैश में आकर कहा कि वे महिला आयोग को नहीं मानते। जिसे जो करना हो, कर लें। ऐसी टिप्पणियों को बेहूदा मानते हुए महिला आयोग ने अपर कलेक्टर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के लिए मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को पत्र लिखने का फैसला किया है। बकायदा, अपर कलेक्टर ने नोट शीट पर हस्ताक्षर किए हैं, महिला आयोग इसकी शिकायत करने जा रहा है।
पत्नी की शिकायत- जबरदस्ती बच्चों को रखा, मुझे निकाला
पत्नी ने अधिकारी पति के खिलाफ महिला आयोग में शिकायत की है कि उसके पति उच्च अधिकारी हैं। उन्होंने दोनों बच्चों को जबरदस्ती अपने पास रखा है और मुझे घर से निकाल दिया है। इस मामले में महिला आयोग ने अपर कलेक्टर पति को बुलवाया था, लेकिन पति ने कुछ भी सुनने से इंकार कर दिया और कहा कि महिला आयोग हमारे मामले में कुछ न करे। आयोग को कोई अधिकार नहीं है। इसके बाद सुनवाई कर रहे महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने विभागीय कार्रवाई करने के लिए शासन को पत्र लिखने का निर्णय लिया।
एक घर में ब्याही दो बहनें लेंगी तलाक
आयोग के समक्ष एक ऐसा मामला आया, जिसमें दो सगी बहनों की शादी एक ही घर में दो भाइयों के साथ हुई थी। आपसी लड़ाई-झगड़े में दोनों बहनों ने अपने-अपने पति के खिलाफ शिकायत की। पति शादी के दौरान मिले सामान को वापस करने पर सहमत हो गए हैं और अब पति-पत्नी तलाक लेंगे। इनके अलावा एक वृद्धा के मकान को क्षति पहुंचाने, प्रताड़ित करने वाले को समझाकर मामले को सुलझाया गया और वृद्धा को न्याय दिलवाया गया।
कोरोना महामारी के नियमों का पालन करते 17 मामलों सुनवाई की गई, जिनमें से तीन मामलों का निराकरण हुआ। अनेक प्रकरण में पक्षकारों के न आने से अगली सुनवाई निर्धारित की गई है। जल्द मामले सुलझें इसलिए अब राजधानी में हर सप्ताह बुधवार, गुरुवार को सुनवाई की जाएगी।
– किरणमयी नायक, छत्तीसगढ़ महिला आयोग अध्यक्ष