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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं स्वसहायता समूहों को अपना दर्द बताने पर विभाग के द्वारा बेबुनियाद आरोप लगा कार्यवाही का नोटिस देना तानाशाही कदम- मुक्ति मोर्चा, महिला बाल विकास विभाग के द्वारा संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन की गलत नीतियों पर सवाल उठाना हर बस्तरिया का मौलिक अधिकार

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जगदलपुर। बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा के संयोजक नवनीत चाँद ने अपना बयान जारी करते हुए कहा कि विगत दिनों बस्तर जिले के आँगबाड़ी कार्यकर्ताओं व स्वसहायता समूहों द्वारा अपनी समस्याओं ,मांगो व अधिकारों की रक्षा हेतु बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा के पदाधिकारियों से मुलाकात कर उनकी न्याय उचित लड़ाई में सार्थी बनने का निवेदन किया था । जिसे मोर्चा ने स्वीकार कर महिला बाल विकास विभाग जिला बस्तर के नेतृत्व में संचालित महत्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्यवन की गलत नीतियों पर शिकायत के बाद मीडिया के माध्यम से बयान जारी कर शिकायतों व मांगो के निराकरण हेतु सरकार व विभाग से अपील की थी।

इस बयान के वायरल होने के पश्चात बिना किसी ठोस आधार व बेबुनियाद आरोपो को निर्धारित कर आँगबाड़ी कार्यकर्ताओं को विभाग की तरफ से कारण बताओ नोटिस थमा दिया गया ।वही रेडी टू इट सामग्री के निर्माण करता स्वसहायता समूहों को उनके सेम्पल की जांच के निर्देश जारी किए गए है। गौर तलब है कि यह सब विभागीय कार्यवाही तब की जा रही है जब शासन द्वारा निर्धारित योजनाओं के संचालन नियमो को ताक में रख सामग्री क्रय एक ही वेंडर से खरीदने का अनाधिकृत दबाव समूहों व कार्यकर्ताओं पर विभाग के कुछ अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा बनाया जा रहा है।

बस्तर में कोरोना काल के दौरान जब पूरा प्रशासन व समाज सक्रमण से लड़ने के प्रयास हेतु सभी को योगदान देने की अपील कर रहा है। उस मुश्किल वक्त में सरकार व बस्तर प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के संक्रमण से लड़ने के संकल्प को जमीनी स्तर पर वास्तविक अमलीजामा पहनाने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रयासरत है।

बस्तर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपनी व अपने परिवार की जान की परवाह बिना किये, मामूली वेतन में गुजारा कर अर्धशासकीय कार्यकता बन बस्तर में निवासरत प्रत्येक घर जाकर कोरोना संक्रमणों से ग्रसित जनों का पता लगा ,प्रशासन व सरकार के लिए मैदानी योद्धा बन कर लगातार अपनी सेवा दे रहे है। वही स्वसहायता समूहों के साथ मिलकर महिला बाल विकास की सभी महत्वपूर्ण योजनाओं हितग्राहियों तक सफलता पूर्वक पहुचाने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा अपनी न्याय उचित मांग को सरकार व संगठनों के समकक्ष रखने पर महिला बाल विकास विभाग जिला बस्तर द्वारा
कोरोना आपातकाल के नियमो के उल्लंघनों का बेबुनियाद आरोप लगा कार्यवाही का नोटिस थमाना ,विभाग का अमानवीय कृत्य है। जिसका बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा घोर निंदा करता है।

मुक्ति मोर्चा सरकार व बस्तर प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से अपील करता है कि महिला बाल विकास विभाग द्वारा जारी बेबुनियाद नोटिस को वापिस लिया जाए एवं शिकायतों की उच्च स्तरीय कमेटी बना जांच करवाई जाए। आँगनबाड़ी कार्यकताओं को कोरोना वरियर्स मान DMF राशि से विशेष भत्ता व 50 लाख का बीमा उपलब्ध करवाया जाए। योजनाओं के संचालन हेतु चयनित स्वसहायता समूहों को शासन द्वारा निर्धारित अनुबंधों के आधार पर सामग्री क्रय करने की अनुमति प्रदाय की जाए। यदि बस्तर के आँगबाड़ी कार्यकर्ताओं व स्वसहायता समूहों के सम्मान व अधिकारों पर विभाग द्बारा गैर न्यायिक ठेस पहुंचाई गई तो बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा सड़को के आंदोलन के लिए बाध्य होगा।