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Big breaking:निगम- मंडल की पहली सूची में बस्तर से सिर्फ मिथिलेश….! नकारात्मक कार्यशैली ने कई दावेदारों को किया लिस्ट से बाहर, पार्टी की अंदरूनी खेमेबाजी ने भी पहुंचाया नुकसान

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जगदलपुर (महिलामीडिया)। निगम-मंडलों के लिए चल रही माथा-पच्ची के बीच राजधानी से आ रही खबरों पर अगर यकीन किया जाए तो राज्य सरकार की तरफ से जिस सूची को जारी करने की तैयारी की जा रही है, उसमें बस्तर संभाग से केवल एक नाम मिथिलेश स्वर्णकार का ही है। करीब चार दशक से बस्तर में पर्दे के पीछे रहकर कांग्रेस के लिए काम करने वाले मिथिलेश स्वर्णकार की छवि संगठन के एक मजबूत व निर्विवाद नेता की रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ उनके निजी रिश्तों की वजह से भी उन्हें एक बड़े निगम में महत्वपूर्ण दायित्व दिए जाने के संकेत मिले हैं।

प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महासचिव पीएल पुनिया के हस्तक्षेप के बाद बीते करीब हफ्ते-दस दिनों से बहुप्रतीक्षित निगम-मंडलों में नियुक्ति किए जाने के लिए प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के बीच रायशुमारी की जा रही है। दो रोज पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी मंत्रियों के अलावा वरिष्ठ विधायकों व संगठन के पदाधिकारियों के साथ मंथन किया था। निगम-मंडलों में क्षेत्रीय व गुटीय संतुलन बनाने की कोशिशों के बीच यह तय माना जा रहा है कि इनमें अधिकतर नेता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पसंद के होंगे।

निगम-मंडलों में नियुक्तियों की सुगबुगाहट के बीच प्रदेश के साथ बस्तर के भी कांग्रेस नेता सक्रिय हो गए। अपनी-अपनी राजनीतिक पहुंच का इस्तेमाल करके वे पद हासिल करने की दौड़ में शामिल हैं। चूंकि बस्तर की सभी बारह विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है, इसलिए उम्मीद जताई जा रही है कि निगम-मंडलों में बस्तर को खासा महत्व दिया जाएगा। बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा के परिवार से पत्नी देवती कर्मा विधायक हैं, उनकी बेटी तूलिका कर्मा को जिला पंचायत अध्यक्ष हैं तथा एक बेटे आशीष कर्मा को राज्य सरकार ने डिप्टी कलेक्टर बना दिया है, इसलिए इस बात की कम ही संभावना है कि निगम-मंडल में कर्मा परिवार को स्थान दिया जा रहा है परंतु अगर संसदीय सचिव बनाए जाते हैं तो देवती कर्मा को मौका मिल सकता है।

मोहन मरकाम प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं तथा लखेश्वर बघेल को बस्तर विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया गया है।, पूर्व विधायक और राज्यसभा सदस्य (अभी घोषणा होना शेष) फूलोदेवी नेताम प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष हैं। इसके अलावा बस्तर संभाग के कांग्रेस विधायकों को विधानसभा में किसी न किसी समिति में एडजस्ट करके उन्हें संतुष्ट कर दिया गया है। इसके बाद बस्तर में कांग्रेस का एक कोई कद्दावर नेता नहीं है, जिसे निगम-मंडल में पद देकर राज्य स्तरीय नेता बनाया जा सके।

दावेदारों की सूची

निगम-मंडल में पद हासिल करने के लिए बस्तर संभाग में दावेदारों की लम्बी सूची है। इनमें छबिंद्र कर्मा से लेकर मिथिलेश स्वर्णकार, मलकीत सिंह गेंदू, जतीन जायसवाल, राजीव शर्मा, मनीष श्रीवास्तव समेत संभाग के सातों जिलों के कई छोटे व मंझोले नेता शामिल हैं। सभी जोर-अजमाइश कर रहे हैं लेकिन राजधानी से जो संकेत मिल रहे हैं, उसमें मुख्यमंत्री केवल मिथिलेश स्वर्णकार के नाम पर सहमति नजर आ रहे हैं। इसके पीछे यह कारण बताया जा रहा है कि अधिकतर दावेदारों की कार्यशैली से मुख्यमंत्री नाखुश हैं तथा कुछ के नाम पर एकराय नहीं बन पा रही है। ऐसा नहीं कि बाकी के नेताओं को नजर अंदाज किया जाएगा। बस्तर के कई कांग्रेस नेताओं को भविष्य में निगम-मंडलों में उपाध्यक्ष और संचालक मंडल का सदस्य बनाया जाएगा।

घोषणा अनिश्चित

हालांकि प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने दस दिनों के भीतर निगम-मंडलों के लिए ऐलान करने की बात कही थी परंतु खींचतान के बीच अनिश्चितता बनी हुई है कि निगम-मंडलों के लिए नामों के ऐलान कब होगा। पूरे प्रदेश के कांग्रेस नेताओं को इसका बेसब्री के साथ इंतजार है क्योंकि ऐलान होते ही कांग्रेस के अंदर नए तरीके की राजनीति का श्रीगणेश हो जाएगा।