Home राजनीति सरकार के कामकाज पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद एवं मिथ्या -कांग्रेस

सरकार के कामकाज पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद एवं मिथ्या -कांग्रेस

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जगदलपुर। छ.ग.प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा है कि भाजपा ने प्रदेश सरकार के कामकाज पर बेबुनियाद आरोप लगाते हुए सरकार की नाकामियां गिनाई हैं, जो ना सिर्फ हास्यास्पद है, बल्कि निरर्थक भी है। पिछले दिनों देश की ख्याति प्राप्त एजेंसी द्वारा समूचे देश की राज्य सरकारों सहित छत्तीसगढ़ सरकार के कामकाज की प्राथमिकता, प्रशासन, प्रबंधन सहित विभिन्न मुद्दों पर जनता का अभिमत मांगते हुए सर्वे किया था और देश भर के मुख्यमंत्रियों से तुलना एवं आकंलन करते हुए एक सूची घोषित की थी, जिसमें छत्तीसगढ़ के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भाजपा शासित राज्यों से ऊपर तथा देश में दूसरे स्थान पर मुख्यमंत्रियों की सूची में सूचीबद्ध कर, सरकार के कामकाज, सोच और दिशा पर मुहर लगाई थी। भाजपा नेताओं की स्मरण क्षमता इतनी क्षीण नहीं है, कि वह सब भूल जाएं। सर्वे रिपोर्ट भाजपा शासित राज्यों एवं छत्तीसगढ़ की विपक्षी पार्टी भाजपा के लिए आईना की तरह है। लेकिन उन्होंने विपक्षी पार्टी के नेता बेजान भूमिका निभाते हुए मनगढ़ंत आरोप लगा रहें हैं, जो गैर जरूरी है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश भारतवर्ष का पहला राज्य है, जहां प्रदेश सरकार की नीतियों के कारण अर्थव्यवस्था डांवाडोल नहीं हुई है। जनता में आज भी क्रय शक्ति बरक़रार है। किसान, मजदूर, व्यापारी, उद्योगपति, छोटे व्यवसायी, कारोबारी सहित हर वर्ग का नागरिक खुशहाल है।सरकार की प्राथमिकताएं तय है तथा प्रशासन के कामकाज में सुदृढ़ता और कसावट बनी हुई है। नक्सलवादी हिंसा से धीरे-धीरे राज्य उबर रहा है। पिछली सरकार के कुशासन से पीड़ित और भटके हुए लोग बड़ी संख्या में मुख्यधारा में वापस आ रहे हैं। रमनसिंह की सरकार से पहले दक्षिण बस्तर के तीन ब्लाकों तक पहुंचा माओवाद 15 साल में छत्तीसगढ़ के 16 जिलों तक फैल गया था लेकिन अब माओवादी घटनाओं में कमी है।

प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों की विफलता और लापरवाही के कारण देश भर में कोरोनावायरस का संक्रमण फैला जो अब सामुदायिक संक्रमण का रूप ले रहा है फिर भी छत्तीसगढ़ राज्य में इसे बड़ी हद तक नियंत्रित किया गया है और फैलाव से रोका गया है। भाजपा में अंदरूनी तौर पर चल रही रस्साकशी और गुटबाजी से नेता एवं कार्यकर्ता हताशा में हैं राजनीतिक अस्तित्व बचाने के लिए यह ज्ञापनो का सहारा ले रहे हैं एवं सुर्खियों में बने रहने के लिए छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पर बेवजह मिथ्या आरोप गढ़ रहें हैं।