जगदलपुर। बस्तर अधिकार संयुक्त मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता नवनीत चाँद ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि बस्तर संभाग के दन्तेवाड़ा जिला के किरन्दुल में मौजूद बहुराष्ट्रीय कंपनी आर्सेलर मित्तल निपान इंडिया कम्पनी द्वारा पेसा कानून का उल्लंघन करते हुए बिना ग्राम सभा के अनुमति व माईनिंग नियमो को ताक में रखते हुए ग्राम बेमपाल के आदिवासी किसानों के जमीनों पर गैर कानूनी रूप से अवैध कब्जा कर लौह अयस्क परिवहन के पश्चात बजे हुए केमिकल युक्त अवशेष का भंडारण उपजाऊ खेतो में किया जा रहा है, जो कि एक गैर कानूनी व मानव जाति के स्वास्थ्य के खिलाफ षडयंत्र है।
गौरतलब है कि विगत कई वर्षों से एस्सार नामक कम्पनी द्वारा NMDC से लौह अयस्क खरीद किरन्दुल से विशाखापटनम तक पाइप लाइन बिछा शबरी नदी के पानी का उपयोग करते हुए लौह अयस्क परिवहन किया जा रहा है, जिसे वर्तमान में आर्सेलर मित्तल निपान कम्पनी के द्वारा वर्तमान में संचालन किया जा रहा है कम्पनी द्वारा लौह अयस्क परिवहन पश्चात केमिकल युक्त अवशेषों को सरकार निर्धारित जमीनों में भंडारण करने के बजाय फ्लॉन्ट के आसपास घनी आबादी इलाको के आदिवासी किसानों के उपजाऊ जमीनों पर अवैध कब्जा कर जबरन भंडारण किया जा रहा है जो पूर्णतः बस्तर के निवासियों केअधिकारों का हनन व पेशा कानून एवं सरकारी माइनिंग नियमो का उल्लंघनों का गम्भीर अपराध है।
ज्ञात हो कि स्थानीय निवासियों के शिकायत पर मीडिया के द्वारा प्रकाशित खबर के बाद कम्पनी द्वारा किये जा रहे अवैध कार्यो का विवरण उजागर हुआ है।इस तारम्य मे बस्तर अधिकार सँयुक्त मुक्ति मोर्चा द्वाराआज बस्तर कमिश्नर से मुलाकात कर कम्पनी के गैर कानूनी कृत्य को प्रशासन के संज्ञान में ला कर मोर्चा द्वारा केंद्रीय खनिज मंत्री ,राज्य की राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम जांच व लीज निरस्त करने की मांग बस्तर अधिकार सयुक्त मुक्ति मोर्चा द्वारा 15 सदस्यीय गठित जांच दल को घटना स्थल में जाने की अनुमति व सम्बंधित कम्पनी के लीज को स्थगित करने ज्ञापन सौपा गया।
आज के इस ज्ञापन सौपने के कार्यक्रम में बस्तर अधिकार संयुक्त मुक्ति मोर्चा के प्रमुख रूप से सदस्य नवनीत चाँद ,भरत कश्यप,बेनी फर्नाडिश,सुजीत नाग,समीर खान,आरिफ पवार,शेफाली चक्रवर्ती,शहनवाज,उपेंद्र बांदे, बोमड़ा राम मंडावी ,रामेश्वर बघेल,अब्राहम आदि उपस्थित थे।
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