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कमिश्नर बस्तर से मिला बस्तर अधिकार संयुक्त मुक्ति मोर्चा,तीन मुख्य बिंदुओं पर की चर्चा ,समस्याओं के निराकरण की मांग

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जगदलपुर।बस्तर अधिकार संयुक्त मुक्ति मोर्चा के सदस्यों ने आज बस्तर संभाग के कमिश्नर अमृत खलखो से मुलाकात कर कोरोना संक्रमण के आपातकाल में उतपन्न तीन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा कर निराकरण की मांग रखी। मोर्चा के सदस्य व प्रवक्ता नवनीत चाँद ने बताया की कोरोना संक्रमण के आपातकाल में राज्य व केंद्र सरकारो द्वारा जारी लॉक डाउन के आदेश से बस्तर के अंदर बहुत से समस्याओं ने जन्म लिया है। प्रमुख रूप से निम्न समस्याएं है

(1) देश के विभिन राज्यो में बस्तर संभाग के निवासरत लोग जो मजदूरी व अन्य कार्यो से गए है। वे उन राज्यो में लॉक डाउन के चलते फंस गए है। उनके सामने भुखमरी की समस्या आ रही है। भले ही उन राज्यो के द्वारा फंसे हुए लोगो की सुविधाओ की बात स्थानीय सरकारें कर रही है। पर उनकी मदद पूरी तरह से जमीनी स्तर में नही पहुँच पा रही है। जिससे निराश होकर वो अपने परिजन से सम्पर्क कर घर आने की इच्छा जाहिर कर रहे है। हमारी मांग है कोटा ऑपरेशन की तरह विभिन्न राज्यो में फंसे बस्तर वासियो को स्क्रीनिंग करवा सकुशल बस्तर लाया जाए।

(2) बस्तर संभाग की सीमाएं विभिन राज्यो की सीमाओं से लगी हुई है। कोरोना संक्रमण के क्लॉज के अनुसार बस्तर की सीमाएं रेड,ऑरेंज जॉन के राज्यो से लगी हुई है। जहाँ से आवश्यक वस्तु का परिवहन किया जा रहा है। वही इन राज्यो की गाड़ियां बस्तर की सीमा के टोल प्लाजा से होकर गुजर रही है। वाहन चालको की स्क्रीनिंग न सीमाओं में, न टोल प्लाजा में हो रही है। न मनी टांसफर पर सेनेटाइज़िंग की प्रक्रियाओं का पालन हो रहा है। यह लापरवाही बस्तर को संक्रमित कर सकती है। जो बस्तर वासियो के लिए खतरनाक होगा। आप से मांग है कि बस्तर की सीमाओं पर स्क्रीनिंग व टोल प्लाजा में मनी सेनेटाएजिंग करवाया जाए

(3) कोरोना संक्रमण के आपात काल मे बस्तर में निवासरत लोगो में कई ऐसे लोग है जिन की जीविका उनके रोज के काम पर निर्भर थी । लॉक डाउन के कड़े नियमो ने उनके सामने जीविका उपार्जन की समस्याओं को खड़ा कर दिया है। सरकार की योजनाओं ने सिर्फ गरीबी रेखा के अंतर्गत आने वाले कार्ड धारकों को चावल फ्री योजना का लाभ दिया है। पर जो 2011 कि जनगणना में इस कार्ड के पात्र नही बने उनका जीवन यापन 10 किलो चावल से सम्भव नही है।

समाजिक संगठनों ने अब तक के लॉक डाउन के कठिन समय मे राशन वितरण कर उन जरुतमन्दों परिवारों को राहत दी है। पर यह राहत उठ के मुंह में जीरा के समान है। इस लिए मोर्चा की यह मांग है कि सरकार बस्तर संभाग के जरूररमन्दों परिवार के खाद्य व्यवस्था हेतु सीएसआर व जिला खनिज फाउंडेशन निधि से खर्च उठाये व आपदा प्रबंधन हेतु NMDC द्वारा जारी किए गए 200 करोड़ रुपये का 30 प्रतिशत पैसा बस्तर कोरोना रिलीफ में खर्च किया जाए। मोर्चा ने बस्तर कमिश्रर से चर्चा कर राज्य के मुख्यमंत्री व बस्तर के सभी जनप्रतिनिधियों के नाम पत्र भी सौपा। इस चर्चा हेतु मोर्चा के प्रतिनिधि मंडल में नवनीत चाँद,बोमड़ा राम मंडावी,बेनी फर्नाडिश, उपेंद्र बांदे, सुजीत नाग,आरिफ खान ,श्री जैन आदि उपस्थित थे