जगदलपुर। विधानसभा चुनाव में जगदलपुर में भारतीय जनता पार्टी की पराजय के कई कारणों में एक रहीं तीन नेत्रियों ने एक बार फिर दम लगाना शुरू कर दिया है। इनमें से दो नेत्रियां तो भाजपा की तरफ से महारौप पद की दावेदार के रूप में चुनावी मैदान पर उतरी हैं। भाजपा के अंदरखाने में इस बात की पूरी सूचना है कि इन तीनों नेत्रियों ने किस तरह विरोधियों से सांठगांठ करके जगदलपुर में पार्टी की जीत की हैट्रिक बनाने से रोक दिया था। देखने वाली बात होगी कि जिन नेत्रियों ने विधानसभा चुनाव में पार्टी को नुकसान पहुंचाया था, नगरीय निकाय चुनाव में पार्टी के नेता क्यों उन्हें महापौर बनाने में सहयोग कर पाएंगे।
विधायक की टिकट न मिलने पर पार्टी से की खिलाफत
पिछले साल हुए राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा की एक नेत्री विधानसभा चुनाव लडऩे के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। संगठन में सक्रिय इस नेत्री ने अपने रायपुर से लेकर दिल्ली तक के सम्पर्कों का जमकर इस्तेमाल किया लेकिन वे जगदलपुर से प्रत्याशी बनने में सफल नहीं हो पाईं तब उन्होंने भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ सार्वजनिक रूप से आलोचनात्मक टिप्पणियां की। इसके बाद ही उन्होंने भाजपा के खिलाफ काम करने का फैसला किया। घोषित तौर पर तो वे भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करते देखी जाती थीं लेकिन अंदर ही अंदर उन्होंने विरोधियों से हाथ मिला लिए थे। उनका यह प्रयास कामयाब हुआ और भाजपा जगदलपुर से जीत की हैट्रिक बनाने से वंचित रह गई। भाजपा की यह नेत्री इस समय नगर निगम चुनाव में भाग्य अजमा रही है। उसका लक्ष्य महापौर की कुर्सी है। प्रचार की शुरुआती दिनों में वह अकेले ही प्रचार करते हुए दिख रही है। जगदलपुर भाजपा का कोई बड़ा नेता उसके साथ प्रचार करते हुए दिखाई नहीं पड़ रहा है। देखना होगा कि सच्चाई जानने के बाद भी पार्टी के कौन से नेता उसके साथ प्रचार करने के लिए मैदान पर उतरते हैं।
गॉड फॉदर से नाराजगी
भाजपा के नुकसान पहुंचाने वाली पार्टी के दूसरी नेत्री के बारे में कहा जाता है कि अपने गॉड फॉदर से नाराज होने के कारण उसने विधानसभा चुनाव में पार्टी के खिलाफ अंदरूनी तौर पर काम किया, जिसके कारण विधानसभा के पिछले चुनाव में भाजपा को जगदलपुर से शिकस्त झेलनी पड़ी। नगर निगम में ओहदेदार रही भाजपा की यह नेत्री एक बार फिर से नगरीय निकाय के चुनाव मैदान पर है और उसकी भी लक्ष्य महापौर की कुर्सी है। गॉड फॉदर के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली भाजपा की इस नेत्री ने साबित कर दिया कि राजनीति में कभी भी कोई किसी का हितैषी नहीं होता है। देखना होगा कि चुनाव में पार्षद निर्वाचित होने की स्थिति में इस नेत्री को क्यों जगदलपुर भाजपा के नेताओं का महापौर बनने के लिए सहयोग मिल पाता है।
तीसरी देवी का फैसला रहस्यमय
विधानसभा चुनाव में विरोधियों से हाथ मिलाकर भाजपा प्रत्याशी को पराजित कराने में भूमिका निभाने वाली तीसरी नेत्री ने ऐसा क्यों किया, इस पर अब तक रहस्य बना हुआ है। हालांकि अब उसने अपना क्षेत्र बदल दिया है औ्र दक्षिण बस्तर मे सक्रिय है लेकिन सालभर पहले विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी के विरोधियों के साथ उसने जिस तरह का काम किया, उससे पार्टी को जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ा। महत्वपूर्ण बात यह है कि विधानसभा चुनाव में इस नेत्री ने दक्षिण बस्तर के एक विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लडऩे की दावेदारी भी की थी लेकिन वह अपने प्रयासों में सफल नहीं हो पाई है।